रायपुर . राज्य के चर्चित अंतागढ़ टेपकांड की जांच कर रही एसआईटी को झटका लगा है। विशेष न्यायाधीश लीना अग्रवाल ने शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी उनके बेटे और पूर्व विधायक अमित जोगी और डा. पुनीत गुप्ता की अावाज का सैंपल लेने की एसआईटी की अर्जी खारिज कर दी है। इस बीच उपचुनाव में तत्कालीन कांग्रेस प्रत्याशी मंतूराम पवार अपनी आवाज का सैंपल देने के लिए कोर्ट में सहमति दे चुके हैं। बाकी आरोपियों की याचिका खारिज करने का आधार ओरिजनल डिवाइस को पुलिस अब तक पेश नहीं कर सकी है।
एसआईटी उस आॅडियो की जांच करना चाहती है, जिसमें टेपकांड की सौदेबाजी की बातचीत है। एसआईटी के पास रिकार्डिंग तो है, लेकिन ओरिजनल डिवाइस नहीं है। ओरिजनल डिवाइस से ही सैंपल की मिलान करने का प्रावधान है। हालांकि एसआईटी के अफसरों ने जल्द ही हाईकोर्ट में अर्जी लगाने के संकेत दिए हैं। वहां भी सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले को आधार बनाकर सैंपल लेने की अनुमति मांगी जाएगी। ज्ञात हो कि अंतागढ़ उपचुनाव के एक साल बाद ऑडियो वायरल हुआ था, जिसमें कांग्रेस के उम्मीदवार को चुनाव मैदान से हटाने से संबंधित खरीद फरोख्त की बातचीत थी।
इसमें कथित तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी, उनके बेटे अमित जोगी, डॉ. पुनीत गुप्ता और तत्कालीन कांग्रेस प्रत्याशी मंतूराम पवार की आवाज होने का दावा किया गया था। इसी ऑडियो में आवाज की मिलान के लिए एसआईटी ने चारों के वाइस सैंपल के लिए पिछले महीने अर्जी लगाई थी। एसआईटी ने पैरवी के लिए सुप्रीम कोर्ट के वकील सौरभ गुप्ता को बुलाया था। उन्होंने कोर्ट में सैंपल लेने के पक्ष में दलील रखी थी। इसमें हाईकोर्ट से भी वकीलों की टीम आई थी। जबकि जोगी पिता-पुत्र और डॉ. पुनीत के वकील ने इसका विरोध किया था। उन्होंने कोर्ट में पैरवी के दौरान जांच कर रही एसआईटी पर ही सवाल खड़े कर दिए। एसआईटी से रिकॉर्डिंग की ओरिजनल डिवाइस या उसकी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने की मांग की। एसआईटी ओरिजनल डिवाइस के संबंध में कोई रिपोर्ट पेश नहीं कर पाई।
सरकारी गवाह बनाने पर दी जाएगी अर्जी : कांग्रेस के तत्कालीन प्रत्याशी मंतूराम एसआईटी की जांच पर सवाल उठाते रहे और सैंपल का विरोध करते रहें। फिर अचानक कोर्ट पहुंचकर उन्होंने कोर्ट में कलमबद्ध बयान दर्ज कराया और दोनों पूर्व सीएम और अन्य पर उपचुनाव में सात करोड़ के डील का आरोप लगाया। उन्होंने खुद के नाम वापसी के लिए अपनी जान का खतरा बताया। गुरुवार को अचानक आधा दर्जन लाेगों को लेकर पहुंचे, जिन्होंने उनके साथ चुनाव से नाम वापस लिया था। उनका भी कोर्ट में बयान दर्ज कराया है। सभी ने चुनाव में डील का आरोप लगाया है।
अब केवल मंतूराम की आवाज का सैंपल लेगी पुलिस : कोर्ट के फैसले के बाद भी पुलिस केवल मंतूराम पवार की आवाज का सैंपल ले सकती है। मंतूराम ने खुद आवेदन देकर सैंपल देने की सहमति दी है। इस वजह से पुलिस को सैंपल लेकर जांच करवाने में किसी तरह की दिक्कत नहीं आएगी। पुलिस ने पूर्व में मंतूराम सहित अन्य तीनों आरोपियों को नोटिस भेजकर आवाज का सैंपल देने बुलाया था। चारों आरोपियों ने इसकी मंजूरी नहीं दी। उसके बाद ही पुलिस ने कोर्ट में आवेदन दिया। कोर्ट में सुनवाई के पहले ही मंतूराम ने आवेदन देकर अपनी आवाज का सैंपल देने की सहमति दे दी।
नान घोटाले पर खाद्य मंत्री अमरजीत भगत बोले- जिसका नाम आएगा, वह जेल जाएगा : बिलासपुर | खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री अमरजीत भगत ने नान घोटाले पर कहा कि हम यहां किसी को फंसाने के लिए नहीं बैठे हैं। एक के बाद एक परत खुल रही है। जो लोग इस मामले में संलिप्त होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। वह जेल जाएंगे। शुक्रवार को खाद्य एवं संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत दोपहर डेढ़ बजे बिलासपुर पहुंचे। छत्तीसगढ़ भवन में वे महज आधे घंटे रहे। इसके बाद वे जांजगीर-चांपा जिले में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने रवाना हो गए। पत्रकारों से चर्चा करते हुए खाद्य मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार लोगों को रियायती कीमत पर चावल दे रही है।
यह छत्तीसगढ़ में कुपोषण से लड़ने में अहम भूमिका निभाएगा। प्रदेश में बीपीएल परिवारों के साथ ही एपीएल परिवारों को भी राशनकार्ड और सस्ती कीमत पर चावल देने जा रहे हैं। यह पूछने पर कि खाद्य घोटाले में सरकार क्या पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व खाद्य मंत्री के खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई करने जा रही है, उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच पहले से ही ईओडब्ल्यू में चल रही है। नान घोटाले को लेकर उन्होंने स्पष्ट किया कि इस मामले में परत दर परते चीजें खुल रही है। जो भी इस मामले में संलिप्त होगा, दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। उसे जेल भेजा जाएगा। वहीं उन्होंने कहा कि जिसका नाम आएगा वह फंसेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी लेकिन हम किसी को फंसाने के लिए नहीं बैठे हैं और न ही किसी का नाम उलझाना चाहते हैं। यह पूछने पर कि छोटे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो रही पर, बड़े अधिकारियों को बचाया जा रहा है, उन्होंने कहा ऐसा नहीं है।
सामने चुनाव इसलिए मिलने वालों की भीड़ ज्यादा : छत्तीसगढ़ भवन में खाद्य मंत्री से मिलने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी। सामने निगम चुनाव होने की वजह से भीड़ कुछ ज्यादा थी। कुछ तो केवल इसलिए पहुंचे ताकि एक बार वे उनसे मिल ले और लोग भी देख लें कि वे सक्रिय है। मिलने वालों में तखतपुर विधायक रश्मि सिंह, शहर कांग्रेस कमेटी के नरेंद्र बोलर, अर्जुन तिवारी, विजय पांडेय, सतनाम खनूजा, महेश दुबे, राजेंद्र शुक्ला, विवेक बाजेपयी, अभय नारायण राय, अजय सिंह, ऋषि पांडेय, अनिल सिंह चौहान, शिवा मिश्रा, धर्मेश शर्मा, संध्या तिवारी, देवेंद्र सिंह,राकेश सिंह,बृजेश साहू, रविंद्र सिंह, सुभाष ठाकुर सहित बड़ी संख्या में नेता मौजूद थे। कमरा नंबर एक अंदर के कमरे में तो भारी भीड़ मौजूद रही।
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