Thursday, 22nd May 2025

विधानसभा चुनाव / महाराष्ट्र-हरियाणा में चुनाव की तारीखों का ऐलान आज, दोनों राज्यों में एक चरण में वोटिंग की संभावना

Sat, Sep 21, 2019 5:06 PM

 

  • महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा का कार्यकाल 9 नवंबर को खत्म होगा, राज्य में अभी भाजपा-शिवसेना की गठबंधन सरकार
  • 90 सीटों वाली हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल 2 नवंबर तक, राज्य में भाजपा की सरकार
  • दोनों राज्यों में पिछली बार 15 अक्टूबर को मतदान हुआ था, नतीजे 19 अक्टूबर को आए थे

 

नई दिल्ली.  चुनाव आयोग आज महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा की चुनाव तारीखों का ऐलान करेगा। महाराष्ट्र में 288 सीटें हैं और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में भाजपा-शिवसेना की गठबंधन सरकार है। विधानसभा का कार्यकाल 9 नवंबर को खत्म हो रहा है। हरियाणा विधानसभा में 90 सीटें हैं और मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर के नेतृत्व में भाजपा की सरकार है। विधानसभा का कार्यकाल 2 नवंबर तक है। दोनों राज्यों में पिछली बार चुनाव की घोषणा 20 सितंबर को ही हुई थी। 15 अक्टूबर को मतदान हुआ था। नतीजे 19 अक्टूबर को आए थे। ये चुनाव अनुच्छेद 370 और तीन तलाक खत्म करने के फैसले के बाद मोदी सरकार का पहला टेस्ट होंगे।

भाजपा को हरियाणा में पहली बार 2014 में पूर्ण बहुमत मिला
हरियाणा में 2014 विधानसभा चुनाव से ऐन पहले भाजपा ने हरियाणा जनहित कांग्रेस से गठबंधन तोड़कर सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ा। पार्टी 47 सीटें जीतने में सफल रही। राज्य के इतिहास में यह पहला मौका था, जब भाजपा ने पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाई। 


महाराष्ट्र में पिछली बार भाजपा-शिवसेना ने 25 साल बाद अलग-अलग चुनाव लड़ा था
महाराष्ट्र में 2014 के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा-शिवसेना में गठबंधन टूट गया था। दोनों दलों ने 25 साल बाद अलग-अलग चुनाव लड़ा। भाजपा को 122 और शिवसेना को 63 सीटें मिली थीं। वहीं, कांग्रेस-राकांपा के बीच भी सीटों के बंटवारे को लेकर समझौता नहीं हो पाया। इन दोनों दलों ने भी अलग-अलग चुनाव लड़ा। 


राकांपा-कांग्रेस में गठबंधन हुआ, भाजपा-शिवसेना में सीटों के बंटवारे पर फैसला बाकी
इस बार राकांपा प्रमुख शरद पवार घोषणा कर चुके हैं कि राकांपा-कांग्रेस 125-125 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। 38 सीटों पर अन्य सहयोगी दल चुनाव लड़ेंगे। वहीं, शिवसेना और भाजपा के बीच सीटों को लेकर खींचतान जारी है। गुरुवार को ही शिवसेना की ओर से कहा गया कि अगर उसे 144 से कम सीटें मिलेंगी तो वह गठबंधन से अलग चुनाव लड़ेंगी।

घोषणा के तुरंत बाद आचार संहिता लागू होगी

आचार संहिता लागू होते ही दोनों राज्यों में बदलाव दिखेंगे। जैसे तबादले और नियुक्तियां टल जाएंगी। यदि किसी अफसर को बदलना है तो निर्वाचन विभाग ही बदलेगा। सरकारी खर्च पर सरकार की उपलब्धियों का विज्ञापन जारी नहीं होगा। घोषणा, उद्घाटन, लोकार्पण भी नहीं होंगे। सीएम-मंत्री रूटीन के काम ही करेंगे।

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