बिलासपुर. 17 सितंबर की रात 12.40 बजे तैयबा चौक के आगे भारतीय नगर चौक की ओर अमृत मिशन योजना के अंतर्गत बिछाई गई पाइप लाइन की हाइड्रो टेस्टिंग के लिए नाली के पानी का उपयोग किया जा रहा था। जांच में ये कहानी सामने आई जिससे साबित होता है कि शहरवासियों को शुद्ध पेयजल सप्लाई की योजना के साथ ठेकेदार इंडियन ह्यूम पाइप, पीएमसी आईपी ग्लोबल और नगर निगम के इंजीनियरों द्वारा किस कदर लापरवाही बरती जा रही है।
खूंटाघाट से पानी सप्लाई के लिए 301 करोड़ की अमृत मिशन योजना के अंतर्गत मगरपारा रोड पर 600 एमएम के डायामीटर की पाइप लाइन बिछाई गई। इसकी टेस्टिंग के लिए टैंकर से पानी सप्लाई किया जा रहा था। इस दौरान टैंकर ढोने वाला ट्रैक्टर बिगड़ गया। मौके पर दूसरा टैंकर लगाने की बजाय इंडियन ह्यूम पाइप के कर्मचारी मनोज ने इसका घटिया विकल्प अपनाया। आनन फानन में मोटर पंप लगाकर नाली का पानी खींच कर पाइप लाइन में भरना शुरू कर दिया।
इस वाकए को नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष शेख नजीरुद्दीन ने देखा, क्योंकि यह उपक्रम ठीक उनके निवास के सामने चल रहा था। जांच में शिकायत सही पाए जाने पर इंडियन ह्यूम पाइप पर डेढ़ लाख की पेनाल्टी लगाई गई है। इससे पहले भी मजदूर की मौत के मामले में कंपनी पर ढाई लाख की पेनाल्टी लगाई गई थी। इतने गंभीर मामले में कम पेनाल्टी से ठेकेदार के प्रति निगम अफसरों के नरम रवैए को समझा सकता है। ठेकेदार इंडियन ह्यूम पाइप द्वारा छह महीने में की गई यह दूसरी बड़ी लापरवाही है।
इससे पहले 24 फरवरी को अशोक नगर पानी टंकी के पास बगैर सुरक्षा के 5 मीटर गहरे गड्ढे में मजदूर को उतारने के दौरान मिट्टी धंसने से मजदूर संदीप चौधरी की मौत हो गई थी। मजदूर मिट्टी में दब गया था और उसे जेसीबी से निकालने के चक्कर में दांते से सिर पर चोट लगने के कारण उसकी मौके पर ही मौत हो गई। वहीं अब मगरपारा रोड पर हाइड्रो टेस्टिंग के लिए गंदे पानी के इस्तेमाल से पाइप लाइन में बैक्टीरिया प्रविष्ट हो गया। ऐसे में जब पेयजल की सप्लाई शुरू होगी, तो लोगों का स्वास्थ्य बिगड़ने से इनकार नहीं किया जा सकेगा।
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