न्यूयॉर्क. संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने इशारों में कहा है कि यूएन के उच्चस्तरीय महासभा सत्र में पाक अपना स्तर गिराकर फिर कश्मीर मुद्दा उठा सकता है। लेकिन इससे भारत का स्तर ऊंचा होगा। पाक प्रधानमंत्री इमरान खान ने पिछले महीने ही कहा था कि वे कश्मीर के मुद्दे को यूएन महासभा में उठाएंगे। मीडिया ब्रीफिंग के दौरान इस पर एक सवाल का जवाब देते हुए अकबरुद्दीन ने कहा, “हमने उन्हें आतंक को मुख्यधारा में लाते देखा है। अब वे नफरत भरे बयानों को यूएन में लाना चाहते हैं। अगर वे यह करना चाहते हैं तो ये उनकी सोच है। लेकिन इससे उनका स्तर गिरेगा।”
अकबरुद्दीन ने आगे कहा- यूएन में एक देश फिर वही पुराना राग दोहराएगा। हर देश के पास यह विकल्प है कि वह वैश्विक प्लेटफॉर्म पर किस तरह खुद को किस तरह पेश करेगा। कुछ देश अपनी बात रखने में नीचे गिर सकते हैं, लेकिन हमें भरोसा है कि हमारा स्तर ऊपर उठेगा। आप जितना नीचे गिरेंगे, हम उतना ऊपर आएंगे।
‘यूएन में हम फिर अपने ऊपर उठने का उदाहरण पेश करेंगे’
अकबरुद्दीन ने कहा- भारत पहले भी अपने ऊपर उठने के उदाहरण पेश कर चुका है। यूएन में हमारी द्विपक्षीय और बहुपक्षीय बातचीत भी यही दिखाएंगी कि भारत कैसे ऊपर उठेगा। कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की योजनाओं और प्राथमिकताओं की भी जानकारी दी।
संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर मुद्दे पर चर्चा नहीं करेगा भारत: विदेश सचिव
संयुक्त राष्ट्र में भारत कश्मीर मुद्दे पर चर्चा नहीं करेगा। विदेश सचिव विजय गोखले ने गुरुवार को इसकी पुष्टि की थी। यूएन आम सभा की बैठक में दुनिया के एक ज़िम्मेदार सदस्य के तौर पर भारत विकास, शांति और सुरक्षा पर ही केंद्रित रहेगा। उन्होंने कहा था कि हमारे पास चर्चा के लिए कई मुद्दे हैं। आतंकवाद उनमें से एक है। यूएन वैश्विक मुद्दों पर बात करने का मंच है। प्रधानमंत्री का भाषण एक ज़िम्मेदार देश के दौर पर विकास में भारत के योगदान, सुरक्षा और शांति पर केंद्रित रहेगा।
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