Tuesday, 29th July 2025

दिल्ली / पुलिस ने कहा- प्रधानमंत्री के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी देशद्रोह नहीं, मणिशंकर को क्लीन चिट

Fri, Sep 20, 2019 5:42 PM

 

  • 2017 में गुजरात चुनाव से पहले कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने पीएम मोदी को नीच आदमी कहा था
  • इस पर दिल्ली कोर्ट में वकील अजय अग्रवाल ने अय्यर के खिलाफ दो शिकायतें दाखिल की थीं

 

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले पर दिल्ली पुलिस ने कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर को क्लीन चिट दी है। पुलिस ने गुरुवार को मामले की जांच के बाद दिल्ली कोर्ट में एक्शन टेकन रिपोर्ट (एटीआर) दायर की। इसमें कहा गया कि भारत के प्रधानमंत्री के खिलाफ सिर्फ अपमानजनक शब्द इस्तेमाल करना आईपीसी सेक्शन 124-ए/153-ए के अंतर्गत नहीं आता। इसलिए यह कोई जुर्म नहीं है। 

आईपीसी सेक्शन 124-ए देशद्रोह और सेक्शन 153-ए दो समूहों के बीच धार्मिक, भाषाई, जन्मस्थान के आधार पर दुश्मनी पैदा करने और शांति भंग करने के मामलों में लगाई जाती है। दिल्ली पुलिस ने कहा कोर्ट को बताया कि अय्यर का बयान जुर्म की संज्ञा में नहीं है, लेकिन हम कोर्ट के निर्देश मानेंगे। 

मोदी को नीच आदमी कहने पर मणिशंकर के खिलाफ हुई थी शिकायत
अय्यर ने 2017 में गुजरात चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नीच आदमी कह दिया था। इसके बाद वकील अजय अग्रवाल ने कोर्ट में उनके खिलाफ दो शिकायत दायर की थीं। एक में उन्होंने आरोप लगाया कि अय्यर ने यह टिप्पणी वोटरों को प्रभावित करने और नफरत भड़काने के लिए दिया। इसके अलावा उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अय्यर ने पाकिस्तान दौरे पर भारत सरकार के खिलाफ कई आपत्तिजनक बातें कहीं। 

दूसरी शिकायत में अग्रवाल ने आरोप लगाया था कि अय्यर ने बिना अधिकारियों की अनुमति के अपने घर पर पाक अफसरों की बैठक रखी थी। इस मीटिंग में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री और हाई कमिश्नर शामिल थे। अग्रवाल ने कहा था कि मीटिंग में शामिल लोग भारत के खिलाफ साजिश में शामिल थे। 

अय्यर पर आरोप जुर्म की श्रेणी में नहीं: दिल्ली पुलिस 

कोर्ट ने ये मामले दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को सौंपे थे। कोर्ट ने पुलिस से मामले में एटीआर दायर करने के लिए कहा था। इस पर जवाब में पुलिस ने अग्रवाल की याचिका खारिज करने को कहा है। पुलिस के मुताबिक, अय्यर के घर में बैठक से अगर कोई प्रोटोकॉल टूटे हैं तो भी यह मामला आईपीसी या किसी विशेष कानून के तहत जुर्म की श्रेणी में नहीं आता। वहीं, देश के खिलाफ किसी साजिश पर पुलिस ने कहा कि इससे जुड़े सबूत पुलिस को नहीं मिले हैं। 

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