पवन कुमार| नई दिल्ली . सुप्रीम कोर्ट ने एक हिंदू लड़की से शादी करने के लिए धर्म परिवर्तन कर हिंदू बनकर प्रेम विवाह करने वाले मुस्लिम युवक से पत्नी की रक्षा का हलफनामा दाखिल करने काे कहा है। मामला छत्तीसगढ़ के चर्चित अंतर धार्मिक विवाह का है। लड़की के पिता द्वारा बेटी के भविष्य की चिंता जताने पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने युवक से अपनी नेकनीयती का हलफनामा देने काे कहा है। पीठ ने युवक से कहा कि वह हलफनामे में लड़की के हितों की रक्षा अाैर उसके भविष्य काे बनाने का वचन दे। मामले की अगली सुनवाई 24 सितंबर काे हाेगी। इससे पहले युवक काे यह हलफनामा देना हाेगा।
जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि हम दोनों के हितों की रक्षा करना और उनकी नेकनीयती के बारे में आश्वस्त होना चाहते हैं। हमें खासतौर पर युवती के भविष्य की चिंता है। यही वजह है कि हम उसका भविष्य सुरक्षित करने के लिए ये प्रयास कर रहे हैं। इस मामले में जस्टिस मिश्रा ने पिछली सुनवाई पर कहा था कि हम अंतर धार्मिक विवाह के खिलाफ नहीं हैं। अगर कोई कानून के तहत शादी करता है तो हमें ये स्वीकार है। इसे लेकर दुविधा नहीं होनी चाहिए। शेष|पेज 8
इससे धर्म और जाति का अंतर समाप्त होता है। इसलिए ये समाज के लिए अच्छा है।
यह है पूरा मामला : छत्तीसगढ़ में हिंदू लड़की काे मुस्लिम लड़के से प्रेम हुआ। मुस्लिम लड़के ने धर्म परिवर्तन करके युवती से फरवरी 2018 में आर्य समाज मंदिर में शादी कर ली। युवती के परिजन शादी से खुश नहीं थे। मामला कोर्ट पहुंचा तो युवती ने पिता के साथ रहने की हामी भरी। इसके बाद जुलाई 2018 में युवक ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की। हाईकोर्ट में युवती ने पति के साथ जाने की इच्छा व्यक्त की। युवती के पिता ने हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनाैती दी। लड़की के पिता ने सुप्रीम काेर्ट में कहा कि यह शादी महज ढोंग है और हिंदू लड़कियों को मुस्लिम लड़कों द्वारा फंसाने के गोरखधंधे का हिस्सा है। यही वजह है कि युवक ने शादी के तुरंत बाद फिर से इस्लाम कबूल लिया। इसलिए सुप्रीम कोर्ट को इस मामले में दखल देना चाहिए। वह अपनी बेटी के भविष्य को लेकर चिंतित है।
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