नई दिल्ली. भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) देशभर में पहली बार लड़कियों को फुटबॉल खिलाने का अभियान शुरू कर रहा है। अब कस्बों और शहरों में बेटियां फुटबॉल खेलेंगी। प्राधिकरण यह काम अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के साथ मिलकर करेगा। यह सारी कवायद अगले साल नवंबर में देश में ही होने वाले लड़कियों के अंडर-17 फुटबॉल वर्ल्ड कप को देखते हुए की जा रही है। दरअसल, साई खेलाे इंडिया गर्ल्स लीग शुरू कर रहा है। इसमें बैडमिंटन, टेबल टेनिस, बाॅक्सिंग समेत 10 से 12 खेलों को शामिल किया गया है। यानी, सिर्फ लड़कियों के लिए इन खेलों की लीग शुरू की जाएंगी।
लेकिन सबसे पहले फुटबाॅल की लीग शुरू होगी। इसमें अंडर-17 से शुरुआत होगी। इसके बाद अंडर-13, अंडर-15 को भी शामिल किया जाएगा। एक लीग में 16 टीमें खेलेंगी। हर जगह साल में करीब 30 से 40 मैच कराने का लक्ष्य रखा गया है। हर शहर में कम से कम 16 टीमें तैयार की जाएंगी और फिर इनके बीच मुकाबले होंगे। इसके बाद शुरू होगा नेशनल टीम बनने का सफर। गर्ल्स लीग शुरू करने का मकसद यह है कि लड़कियों को हर तरह के खेलों से जोड़ा जाए ताकि वे राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन कर सकें।
सिंधु ने कहा- इस तरह की लीग समय की जरूरत है : बैडमिंटन की वर्ल्ड चैंपियन पीवी सिंधु ने कहा कि खेलो इंडिया गर्ल्स फुटबॉल लीग कराया जाना समय की जरूरत है। सभी उम्र की लड़कियों को हर तरह के खेलों में भाग लेना चाहिए ताकि देश खुशहाल और स्वस्थ रहे।
साई देगा ट्रेनिंग, तकनीकी और आर्थिक मदद मिलेगी : लीग के आयोजन के लिए साई तकनीकी और आर्थिक रूप से मदद करेगा। साथ ही खिलाड़ियों को ट्रेनिंग देगा। किसी टीम का अपना मैदान होगा, तो साई वहां सुविधाएं मुहैया कराएगा। टीमें स्थानीय स्तर पर प्रायोजक शामिल कर सकती हैं।
लीग मुकाबले छुट्टी के दिन, इसलिए पढ़ाई में नुकसान नहीं : भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के मुताबिक इस लीग से बेटियों की पढ़ाई का कोई भी नुकसान नहीं होगा। लीग के मुकाबले शनिवार और रविवार को होंगे। साथ ही अगर इन दिनों के अलावा बीच में छुट्टियां पड़ती हैं, तो उनमें भी मुकाबले कराए जा सकते हैं।
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