नई दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाए जाने की अपील पर कई नेताओं ने अपना विरोध जताया है। कर्नाटक में भाजपा के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने सोमवार को कहा कि कोई कुछ भी कहे, लेकिन राज्य में सिर्फ कन्नड़ ही चलेगी। वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा कि हम अपनी मातृभाषा से कोई समझौता नहीं करेंगे।
हिंदी विवाद में फिल्म अभिनेता भी शामिल हो गए हैं। फिल्मों से राजनीति में आए कमल हासन ने कहा कि 1950 में देशवासियों से वादा किया गया था कि उनकी भाषा और संस्कृति की रक्षा की जाएगी। कोई शाह, सम्राट या सुल्तान इस वादे को अचानक से खत्म नहीं कर सकता।
येदियुरप्पा ने ट्वीट किया, ‘‘देश में सभी आधिकारिक भाषाएं समान हैं। हालांकि, कर्नाटक की सैद्धांतिक भाषा कन्नड़ है। हम इसके महत्व से कोई समझौता नहीं करेंगे। राज्य में कन्नड़ ही चलेगी। हम अपनी कन्नड़ और राज्य की संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’
ममता ने कहा कि हमें सभी भाषाओं और संस्कृतियों का समान रूप से सम्मान करना चाहिए। हम कई भाषाएं सीख सकते हैं, लेकिन हमें अपनी मातृभाषा को कभी नहीं भूलना चाहिए। दूसरी भाषाओं के सम्मान के लिए हम अपनी मातृभाषा से समझौता नहीं करेंगे।
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और मोदी सरकार-2 में केंद्रीय मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने अमित शाह के हिंदी वाले बयान का समर्थन किया। गौड़ा ने कहा, ‘‘हिंदी सभी को एक करने वाली भाषा है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि यह देश की सभी क्षेत्रिए भाषाओं से बड़ी है। हम सभी ने तीन भाषाओं के फॉर्मूला को अपनाया है। प्रधानमंत्री ने भी सदन में कहा था कि सभी क्षेत्रीय भाषाओं का सम्मान होगा।’’
अमित शाह ने 14 सितंबर को कहा था कि हिंदी हमारी राजभाषा है। हमारे देश में कई भाषाएं बोली जाती हैं, लेकिन एक ऐसी भाषा होनी चाहिए जो दुनियाभर में देश की पहचान को आगे बढ़ाए और हिंदी में ये सभी खूबियां हैं।
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