धर्मशाला. भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच रवि शास्त्री ने ऋषभ पंत की गैर-जिम्मेदाराना बल्लेबाजी पर पहली बार बयान दिया। शास्त्री ने साफ किया कि अगर पंत आने वाले मैच में वेस्टइंडीज में की गई गलतियों को दोहराते हैं उन्हें खामियाजा भुगतना पड़ेगा। महेंद्र सिंह धोनी की जगह टीम में शामिल किए गए पंत वेस्टइंडीज के खिलाफ त्रिनिदाद एंड टोबैगो में खेले गए वनडे में पहली गेंद पर ही आउट हो गए थे। हालांकि, टीम इंडिया ने मैच जीत लिया था। पंत वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में भी अच्छी शुरुआत के बाद बड़ा शॉट लगाने के प्रयास में पवेलियन लौट गए थे। भारतीय टीम वह मुकाबला हार गई थी।
शास्त्री ने सीधे तौर पर कुछ कहने से बचते हुए कहा कि पंत वेस्टइंडीज दौरे पर निराश किया। उन्होंने धर्मशाला में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी-20 से पहले कहा, ‘हम इस बार उन्हें छोड़ रहे हैं। वे त्रिनिदाद में पहली गेंद पर जिस तरह का शॉट खेल कर आउट हुए थे, अगर इसे दोहराते हैं तो उन्हें इसके बारे में बताया जाएगा। आपमें क्षमता हो या ना हो आपको खामियाजा भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए।’
‘लक्ष्य का पीछा कर रहे हो तो आपको समझदारी से क्रिकेट खेलना होता है’
भारतीय कोच ने धर्मशाला में कहा, ‘यह बिल्कुल सामान्य है। खुद को निराश करना तो छोड़िए आप टीम को भी निराश कर रहे हैं। जब क्रीज पर आपके साथ कप्तान मौजूद हो और आप लक्ष्य का पीछा कर रहे हो तो आपको समझदारी से क्रिकेट खेलना होता है। उनकी काबिलियत पर कोई सवाल नहीं उठा सकता, लेकिन अगर वे शॉट चयन और सही निर्णय लेने में सुधार करें तो उन्हें रोकना आसान नहीं होगा।’
‘पंत ने शॉट चयन में सुधार कर लिया तो उन्हें रोकना आसान नहीं होगा’
शास्त्री ने आगे कहा, ‘कोई भी उनके खेल में बदलाव लाने के बारे में नहीं सोच रहा। जैसा कोहली ने कहा कि मैच की स्थिति के हिसाब से सजग रहना और शॉट-चयन महत्वपूर्ण हो जाता है। अगर उन्होंने इसमें सुधार कर लिया तो उन्हें रोकना आसान नहीं होगा। इसे समझने में उन्हें एक या चार मैच लग सकते हैं। उन्होंने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) बहुत मैच खेले हैं, वे सीखेंगे। समय आ गया है कि वे जिम्मेदारी लें और काबिलियत दिखाएं।’
पंत परिस्थितियों के हिसाब से खेलें : कोहली
दूसरी ओर, कप्तान विराट कोहली ने भी उनकी बल्लेबाजी पर कहा कि टीम चाहती है कि पंत परिस्थिति के हिसाब से खेलें। कोहली ने कहा, ‘हम पंत से सिर्फ एक चीज की उम्मीद करते हैं कि वे परिस्थिति के हिसाब से खेलें।' हम ये नहीं चाहते कि वे अपने हिसाब से न खेलें। यह परिस्थितियों को समझने और उससे अपने तरीके से निपटने के बारे में है।'
भारतीय कप्तान ने कहा- युवाओं को 4 से 5 मौकों में ही खुद को साबित करना होगा
कोहली ने इससे पहले साफ किया था कि टीम में शामिल होने वाले युवाओं को चार से पांच मौकों में ही खुद को साबित करना होगा। 2008 में पहली बार अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले भारतीय कप्तान ने कहा कि उन्हें भी शुरुआत में ज्यादा मौके मिलने की उम्मीद नहीं थी। विराट ने कहा, ‘हमारे पास लगभग टी-20 वर्ल्ड कप से पहले लगभग 30 मुकाबले हैं। टीम की सोच बिल्कुल साफ है। आपको चार से पांच मौके मिलेंगे और आपको इसका सही इस्तेमाल करना होगा।’
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