Sunday, 25th May 2025

छत्तीसगढ़ / चंद्रयान-2 ने जगाई रुचि, अंतरिक्ष विज्ञान में दाखिले के लिए सिफारिशें

Mon, Sep 16, 2019 5:40 PM

 

  • रविवि में एमएससी एस्ट्रो फिजिक्स की 40 सीटों के लिए अाए 800 अावेदन 

 

सुधीर उपाध्याय | रायपुर . मिशन चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान में हार्ड या क्रैश लैंडिंग के बाद भी हर किसी की उम्मीद कायम है कि कभी न कभी संपर्क हो जाएगा। यह भले ही अनिश्चित हो, लेकिन यह पूरा घटनाक्रम प्रदेश में साइंस के स्टूडेंट्स में अंतरिक्ष विज्ञान की पढ़ाई से लेकर इसरो में साइंटिस्ट बनने का सपना पैदा कर गया है। उदाहरण के तौर पर रविवि को ही लें। यहां अंतरिक्ष विज्ञान विभाग (एस्ट्रो फिजिक्स) की 40 सीटें हैं। जिस वक्त पीएसएलवी राॅकेट चंद्रयान-2 मिशन पर निकला, तब इन सीटों को भरने के लिए अावेदन का समय था।

रविवि अफसरों के मुताबिक इस विभाग में सीटों की मारामारी रहती है, लेकिन इस बार तो 800 अावेदन अा गए। मेरिट पर 31 अगस्त को दाखिला क्लोज हुअा, लेकिन उसके बाद से अब तक छात्रों की कोशिश जारी है कि किसी तरह एक सीट उन्हें मिल जाए। दाखिला खत्म हुए 15 दिन बीत चुके हैं, लेकिन सीटों के लिए अब तक सिफारिशी फोन अाने का सिलसिला रुका नहीं है। 


रविवि ही नहीं, देशभर के विश्वविद्यालयों में एस्ट्रो फिजिक्स दरअसल एमएससी फिजिक्स का हिस्सा है। रविवि में अंतरिक्ष विज्ञान का एकमात्र कोर्स यही है। विवि प्रबंधन के अनुसार एमएससी फिजिक्स की डिमांड पहले से ही रही है। लेकिन चंद्रयान-2 की शुरुअात से ही सैकड़ों स्टूडेंट्स एस्ट्रोफिजिक्स में दाखिले के बारे में पूछताछ कर रहे हैं। वे जानना चाहते हैं कि एस्ट्रोफिजिक्स में प्रवेश कैसे होगा? इसकी पढ़ाई अलग से होती है? कोर्स के बाद संभावनाएं क्या-क्या हैं? ऐसा पहली बार हुअा है, जब विभाग ने इस बारे में छात्रों को पूरी जानकारी देना शुरू किया है। 


डिग्री एमएससी फिजिक्स की : प्रदेश में रविवि के अलावा सेंट्रल यूनिवर्सिटी में भी एस्ट्रोफिजिक्स की पढ़ाई हो रही है। रविवि में एमएससी फिजिक्स के सिलेबस में ही एस्ट्रोफिजिक्स शामिल है। विवि के अफसरों ने बताया कि एमएससी फिजिक्स के लिए कुल 40 सीटें हैं। थर्ड सेमेस्टर से 30 स्टूडेंट्स एस्ट्रोफिजिक्स और 10 नैनो फिजिक्स पढ़ते हैं।  हालांकि छात्रों की अंकसूची में एमएससी फिजिक्स का उल्लेख रहता है। 


फिजिक्स-केमिस्ट्री पहली पसंद : पं.रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में प्रवेश लेने के इच्छुक छात्रों के लिए साइंस पहली पसंद है। पिछले दिनों यहां पीजी कक्षाओं में एडमिशन की प्रक्रिया पूरी हुई। इसमें एमएससी फिजिक्स, केमिस्ट्री, इलेक्ट्रॉनिक्स, मैथ के प्रति युवाओं का रुझान ज्यादा रहा। इनकी उपलब्ध सीटों के मुकाबले बड़ी संख्या में छात्रों के आवेदन मिले थे। प्रवेश परीक्षा के आधार पर एडमिशन हुआ।  वहीं दूसरी ओर रविवि में कई ऐसे भी विभाग रहे जहां सीटों की तुलना में कम आवेदन आए।

अंतरिक्ष में देश की गतिविधियों ने छात्रों में जगाई है दिलचस्पी : रविवि के विशेषज्ञों के अनुसार पिछले कुछ साल से अंतरिक्ष के मामले में देश के कई प्रयास उल्लेखनीय है। मार्स अार्बिटर के बाद मून अार्बिटर, एक साथ दर्जनों उपग्रहों का भारत निर्मित राॅकेट से प्रक्षेपण और अब चंद्रयान-2 ने लोगों में तो गहरी रुचि पैदा की ही है, साइंस तथा अन्य विषयों के छात्रों में भी एस्ट्रोफिजिक्स की पढ़ाई को लेकर दिलचस्पी बढ़ाई है। यह रुझान आने वाले वर्षों में भी  बरकरार रहेगा। गौरतलब है, रविवि से एस्ट्रो फिजिक्स की पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स वर्तमान समय में देश के बड़े संस्थानों में काम कर रहे हैं। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स बंगलुरू, इसरो बंगलुरू, नैनीताल व अहमदाबाद के बड़े राष्ट्रीय संस्थानों समेत अन्य जगहों पर रविवि से पढ़े छात्र काम कर रहे हैं। 

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