इंदौर (हरिनारायण शर्मा). स्वच्छता में लगातार तीन बार से देशभर में नंबर-1 आ रहे इंदौर में अब स्वच्छता न केवल सफाईकर्मियों की, बल्कि लोगों की भी आदत बन चुकी है। स्वच्छता की ऐसी ही मिसाल तब देखने को मिली, जब गुरुवार रात अनंत चतुर्दशी का चल समारोह निकला। भारी बारिश, डेढ़ लाख लोगों की मौजूदगी, 28 झांकियों के कारवां सहित भारी तामझाम, पर जब जुलूस समापन की ओर था, यहां के सफाईकर्मी झाड़ू लेकर सड़कों पर निकल पड़े। सुबह छह बजे शहर जागा तो यह अहसास भी नहीं था कि रात को इतना बड़ा रेला इन सड़कों पर था।
निगम ने पहले से ही इसकी तैयारी कर ली थी। देर रात ढाई बजे के आसपास जब झांकियां लौटने लगीं, तब निगम के 1 हजार से अधिक सफाईकर्मी जुलूस मार्ग पर उतरे और सिर्फ दो घंटे में सभी सड़कों को चकाचक कर दिया। इतना ही नहीं, बीते हफ्तेभर से शहर भारी बारिश का सामना कर रहा है, उसके बावजूद एक दिन भी झाड़ू लगने का सिलसिला नहीं टूटा। 25 अगस्त को गोगानवमी के अगले दिन भी लोगों ने झाड़ू उठा ली और पूरे शहर को साफ कर दिया। दरअसल, इसकी शुरुआत 2017 में हुई थी।
निगम ने इसे चुनौती के रूप में लिया
महापौर और पूर्व निगमायुक्त ने इसे चुनौती के रूप में लिया। इसके बाद मौजूदा निगमायुक्त आशीष सिंह ने इसे आगे बढ़ाया। सिंह के मुताबिक, टीम को पहले ही अलर्ट कर देते हैं। आयोजन खत्म होते ही सफाई टीम अपने काम में जुट जाती है। गुरुवार को करीब 500 टन कचरा उठाया गया।
चार बड़े आयोजन: कोई बता नहीं सका कि यहां क्या हुआ था
इंदौर में दो साल में चार बड़े आयोजन हुए। आईपीएल मैच, बोहरा समाज का अशरा मुबारका उत्सव, दिवाली और रंगपंचमी। सभी में लाखों लोग शामिल हुए लेकिन दूसरे दिन पता ही नहीं चला कि यहां काेई बड़ा कार्यक्रम भी हुआ था।
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