दंतेवाड़ा. विधानसभा उप चुनाव में अब सारे मुद्दे गौण हो गए हैं और शहादत पर कांग्रेस और भाजपा के बीच शह और मात का खेल तेज हो गया है। भाजपा उम्मीदवार ओजस्वी मंडावी मंगलवार को केशापुर गांव पहुंचीं और भीमा के साथ शहीद हुए जवान रामलाल ओयामी के घर जाकर परिजनों से मुलाकात की। शहीद रामलाल के बड़े भाई और भतीजी ने बताया कि रामलाल अपनी पत्नी की मौत के बाद बच्चों की परवरिश के लिए दूसरी शादी करने की तैयारी में थे। दुर्भाग्य से जिस दिन शादी की तारीख तय हुई थी, उसी दिन उनका क्रियाकर्म करना पड़ा।
केशापुर के बाद ओजस्वी कांग्रेस उम्मीदवार देवती कर्मा के गृहग्राम फरसपाल पहुंचीं और झीरम हमले में शहीद महेंद्र कर्मा की प्रतिमा के चरण छूकर पुष्प अर्पित किया। ओजस्वी ने कहा कि कांग्रेस भले ही शहादत को छोटा-बड़ा बताती हो, लेकिन उनकी नजर में सभी शहादत की पीड़ा एक समान है। इसलिए वो शहीद जवान रामलाल के घर भी गईं।
एक दिन पहले कांग्रेस उम्मीदवार देवती कर्मा दिवंगत विधायक भीमा मंडावी के गृहग्राम गदापाल गईं थीं, जहां उन्होंने भीमा के घर जाकर उनके बुजुर्ग माता-पिता के साथ संवेदना व्यक्त कर लंबा वक्त बिताया। इसके पहले ओजस्वी ने अपने प्रचार अभियान के पहले दिन कांग्रेस भवन जाकर अपनी प्रतिद्वंद्वी देवती और पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम के चरण स्पर्श कर सुर्खियां बटोरी थी।
चुनाव में भाजपा व कांग्रेस के बीच अपने-अपने नेताओं के नक्सली हमले में हुई शहादत को लेकर सहानुभूति बटोरने की होड़ मची हुई है। इसे लेकर बस्तर सांसद दीपक बैज बनाम पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह, कांग्रेस जिलाध्यक्ष विमल सुराना बनाम ओजस्वी मंडावी के अलावा पार्टी नेताओं की बयानबाजी सामने आ चुकी है। कांग्रेस द्वारा झीरम घाटी हमले में 100 लोगों की जान बचाने में कांग्रेसी नेता महेंद्र कर्मा की शहादत होने और आकस्मिक नक्सली हमले में भाजपा विधायक की शहादत बताकर तुलना करने के बाद जुबानी जंग तेज हो गई है।
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