इंदौर. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 1 अक्टूबर से सभी बैंकों को लोन की ब्याज दर को रेपो रेट और स्प्रेड रेट (लागत की दर) से जोड़ने के आदेश दिए हैं। इस बदलाव से ग्राहकों को रेपो रेट कम होने का सीधा फायदा मिलेगा और सही बैंक लोन चुनने में आसानी होगी। इतना ही नहीं, उन्हें यह भी पता चल सकेगा कि बैंक ब्याज दर में रेपो रेट कम होने का फायदा दे रही है या नहीं।
दरअसल, आरबीआई इसे लेकर बैंकों से काफी नाराज था कि वह रेपो रेट में कमी का फायदा ग्राहकों को नहीं देते। उसने अब बैंकों को इसमें केवल अपना स्प्रेड रेट जोड़ने की सुविधा दी है, यह स्प्रेड रेट भी वह बार-बार नहीं बदल सकेंगे। अभी रेपो रेट और बैंक की लागत का हिसाब पता नहीं चलता।
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