भोपाल. कांग्रेस सरकार बनने के 9 महीने बाद भाजपा घंटानाद आंदोलन के जरिए कमलनाथ सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरी। प्रदेश के सभी जिलों में कलेक्ट्रेट का घेराव किया गया। भाजपा कार्यकर्ताओं ने घंटे-घड़ियाल और झांझ -मंजीरा बजाकर सरकार को जगाया और मध्यप्रदेश बचाओ-कांग्रेस सरकार भगाओ के नारे लगाए।
भोपाल में आंदोलन का नेतृत्व कर रहे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा- कांग्रेस की निकम्मी सरकार ने मप्र के हित सूली पर चढ़ा दिए हैं। सोयाबीन में अफलन है, लेकिन मुख्यमंत्री तो दूर। मंत्री भी किसानों से मिलने नहीं गए हैं। हमने इनकी नींद खोलने के लिए घंटानाद आंदोलन किया है। अगर ये नींद से नहीं जागे तो हम जनता के लिए आगे और मजबूती से लड़ेंगे। इस बार ज्ञापन नहीं देने के सवाल पर कहा कि लगातार ज्ञापन और शिकायत करके हमने जगाने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं जागी। इसलिए इस बार ज्ञापन नहीं देंगे। हम कलेक्टोरेट के अंदर घुसकर खुला पत्र देंगे। जो शाम को मीडिया समक्ष रखेंगे और बताएंगे कि हमने क्यों आंदोलन किया है।
घंटानाद आंदोलन पूरे प्रदेश में किया गया। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विदिशा में आंदोलन में शामिल हुए। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने जबलपुर, ग्वालियर में भूपेंद्र सिंह ने आंदोलन का नेतृत्व किया। इंदौर में ये आंदोलन पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान और सागर में पार्टी उपाध्यक्ष प्रभात झा के नेतृत्व में आंदोलन किया गया।
प्रदेश की कानून व्यवस्था बिगड़ी, अराजकता स्थिति
भाजपा का दावा है कि पूरे प्रदेश में कानून व्यवस्था बिगड़ने से अराजकता की स्थिति है। किसान परेशान है, कर्जमाफी के नाम पर किसानों से छलावा किया गया। अब उन पर 14 फीसदी जुर्माने के साथ कर्ज के भुगतान का दबाव बनाया जा रहा है। तबादलों ने गवर्नेंस को चौपट कर दिया है। जन समस्याओं के निपटारे पर किसी का ध्यान नहीं है। भोपाल में महापौर आलोक शर्मा, विधायक रामेश्वर शर्मा और विश्वास सारंग के साथ हजारों भाजपा कार्यकर्ता हाथों में शंख, घंटे और मंजीरे लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और प्रदेश की कमलनाथ सरकार की नीतियों को लेकर अपना विरोध जताया।
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