Monday, 9th June 2025

मप्र / रायसेन में बाढ़ से सुरक्षित निकाली गई गर्भवती ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया; 32 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट

Tue, Sep 10, 2019 11:37 PM

 

  • भोपाल में बारिश के रिकॉर्ड टूटे, 72 साल बाद एक ही दिन (सोमवार) को 14.61 सेमी बारिश 
  • भदभदा के दो और कलियासोत डैम के तीन गेट अब भी खुले हैं, कोलार डैम के गेट बंद किए गए 
  • रायसेन के कोटवार गणेश गांव में बाढ़ से घिर गई गर्भवती को पहुंचाया गया था अस्पताल 

  • छतरपुर में धसान नदी में फंसे दो परिवारों को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया

 

भोपाल. राज्य में पिछले तीन दिन से लगातार जारी बारिश के बीच नदी-नालों में उफान के चलते अब तक आधा दर्जन से भी ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। स्थानीय मौसम केंद्र ने आज भी राज्य के 8 जिलों में कहीं-कहीं घनघोर बारिश, 8 जिलों में अति भारी बारिश और 16 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी है। वहीं भदभदा के दो और कलियासोत डैम के तीन गेट अब भी खुले हैं। इधर, रायसेन के कोटवार गणेश गांव में बाढ़ से सुरक्षित निकाली गई गर्भवती महिला ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया है।

भोपाल में पिछले करीब तीन दिन से जारी बारिश से बड़ा तालाब समेत सभी डैम लबालब हैं। मंगलवार को यहां बादलों का डेरा है और रुक-रुक कर बारिश का क्रम जारी है। इधर, छतरपुर में धसान नदी में कई ग्रामीण फंस गए। मामला जिले के बमनौरा थाना क्षेत्र के कुटोरा गांव का है। जहां पर धसान नदी के टापू पर फंसे 2 परिवार के 9 लोग फंस गए थे। रेस्क्यू टीम ने आज सुबह सुरक्षित निकाल लिया। टापू पर फंसे लोग सोमवार को बकरियां चराने गए थे। 

बाढ़ से बचने के बाद गर्भवती ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया : रायसेन में सोमवार को बारना डैम का पानी छोड़ने के बाद कोटवार गणेश गांव में बाढ़ से सुरक्षित निकाली गई ज्योति सिलावट (26) ने बरेली के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में रात 10 बजे जुड़वा बच्चों को जन्म दिया है। मां और बच्चे पूर्ण रूप से स्वस्थ हैं। ज्योति को डॉक्टर एवं होमगार्ड दल ने सोमवार को बाढ़ से रेस्क्यू कर अस्पताल में भर्ती कराया था। 

असल में, बारना डैम से पानी छोड़ने पर नदी की बाढ़ से घिरे गांव में गर्भवती ज्योति को आधे घंटे की मशक्कत के बाद रेस्क्यू टीम ने अस्पताल पहुंचाया था। उनके साथ ही छह लोगों को भी बचाया गया था, जो उस महिला के साथ थे। रेस्क्यू के समय मौके पर कलेक्टर उमाशंकर भार्गव भी पहुंच गए थे। 

सोंठिया फाटक अंडर ब्रिज में फंसी कार को नहीं निकाला जा सका 
भोपाल के बड़े तालाब और कलियासोत डेम के गेट खुल जाने से विदिशा में बेतवा का जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर हो गया। बेतवा किनारे के रहवासी अपने ठिकाने खाली कर सामान सहित दूसरी जगह पर पहुंचाए गए। नोलखी, रामलीला के पास झुग्गी बस्ती, बोहर घाट और बाढ़ वाले गणेश मंदिर के पास की बस्ती के करीब 250 से अधिक लोगों हटाकर सुरक्षित क्षेत्रों में पहुंचाया गया है। वहीं सोंठिया अंडरब्रिज में फंसी कार को अब तक नहीं निकाला जा सकता है। 

जनहानि को रोकने के लिए पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं : कमलनाथ

प्रदेश में विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश अनवरत जारी है, अगले कुछ घंटों में भी भारी बारिश की संभावना है। भारी बारिश के कारण नदी-नाले उफान पर है, इसे देखते हुए पूरे प्रदेश में प्रशासन को पूर्व से ही निर्देश दिए गए हैं। आपदा प्रबंधन के तहत जितने भी जलभराव वाले क्षेत्र हैं, निचली बस्तियां और डूब प्रभावित क्षेत्र हैं। वहां पर विशेष चौकसी और सावधानी बरती जाए। किसी भी प्रकार की जनहानि को रोकने के लिए पर्याप्त इंतजाम किए जाएं। सरकार प्रभावित परिवारों के साथ मुस्तैदी से खड़ी है, उनकी पूरी मदद की जाएगी। भारी बारिश से जो भी जनहानि हुई है, दुःख की इस घड़ी में सरकार प्रभावित परिवारों के साथ है। राहत व बचाव कार्य निरंतर जारी है।


प्रभावित क्षेत्रों में मुस्तैदी से राहत कार्य चलाए सरकार : सिंधिया
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के पूर्व सांसद ज्यातिरादित्य सिंधिया ने सरकार से निवेदन किया है कि बाढ़ की स्थिति को देखते हुए प्रभावित क्षेत्रों में मुस्तैदी से राहत कार्य चलाया जाए, ताकि स्थितियों पर काबू पाया जा सके। सिंधिया ने आज ट्वीट करते हुए कहा कि प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में भारी बारिश की वजह से कई जान जाने की स्थिति चिंताजनक है। 

सोमवार को स्कूलों में छुट्टियां थीं 

भारी बारिश के कारण सोमवार को राजधानी भोपाल सहित, सीहोर, रायसेन एवं विदिशा जिलों में स्कूल एवं अन्य शैक्षणिक संस्थानों में जिला प्रशासन ने अवकाश घोषित कर दिया था। वहीं सीहोर जिले में एक बरसाती नाले में कार के गिर जाने से उसमें सवार चार लोगों की मौत हो गयी। इसी प्रकार सिवनी जिले में दो लोग बैनगंगा नदी में कार सहित बह गये। उनके शव मिल गए हैं।

1947 में 2 सितंबर को हुई थी 23.32 सेमी बारिश

भोपाल में 36 घंटे से लगातार बारिश हो रही है। इस बार यहां कई रिकॉर्ड टूट गए। एक दिन में 14.61 सेमी बारिश। 72 साल बाद एक दिन में यह सबसे ज्यादा। 24 घंटे की इस झमाझम के बाद सीजन में सोमवार सुबह तक कुल 148.31 सेमी बारिश दर्ज। रविवार सुबह से सोमवार शाम तक 36 घंटे में उतना पानी बरस गया, जितना सितंबर में महीने भर में बरसना चाहिए।

रात को 8.30 से 5.30 बजे तक तक इन जिलों बारिश 
जबलपुर में 19 मिमी, गुना में 21, भोपाल में 29.8, इंदौर में 20, रीवा में 20.3, सीधी में 57.6, शाजापुर में 16, उज्जैन में 21, रायसेन में 12.4, दमोह में 19, होशंगाबाद में 25, सिवनी में 5.6 और मंडला में 18.2 मिली बारिश रिकॉर्ड की गई है। 

बारिश से यहां हालात बिगड़े  

  • बाढ़ से बहुत ज्यादा प्रभावित विदिशा जिले में लगातार बारिश के चलते विभिन्न स्थानों पर कुल 15 बस्तियों में 5 से 6 फीट पानी भरा हुआ है। यहां बेतवा नदी के पुल से 15 से 20 फ़ीट ऊपर बह रही है।
  • रायसेन जिले का भी विभिन्न स्थानों पर नदियों और नालों के उफान पर होने से विदिशा और भोपाल से सड़क संपर्क टूटा हुआ है। यहां कई स्थानों पर नदियां पुल से करीब 10 फीट ऊपर तक बह रही हैं।
  • जबलपुर जिले के ग्वारीघाट पर कल शाम नर्मदा में स्नान करते समय साहिल पटेल (19) नाम का युवक डूब गया। उसकी देर रात तक तलाश जारी होने के बाद भी उसका कुछ पता नहीं चल सका था।
  • सागर जिले में भी भारी बारिश के कारण निचली बस्तियों में जगह-जगह पानी भरा हुआ है। यहां गढ़कोटा के नाले में बहे एक बच्चे का कुछ पता नहीं चल सका है।
  • जबलपुर के बरगी बांध से पानी छोड़े जाने के कारण नर्मदा नदी में जगह जगह उफान कायम है। नर्मदा के बैक वाटर के कारण बड़वानी जिले में गांव के गांव टापू बन गए हैं। 

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