रायपुर . राजधानी में शुक्रवार को दोपहर करीब 12 बजे भारी बारिश हुई और शहर की दो दर्जन काॅलोनियों-बस्तियों में सैकड़ों घरों में पानी घुस गया। दर्जनभर सड़कों में ऐसे पैच में पानी भरा, जहां पिछले पांच-छह साल से भर रहा है और वह भी बारिश थमने के लगभग एक घंटे बाद तक बंद रहीं। सबसे ज्यादा पानी जलविहार कालोनी में भरा। भास्कर टीम ने मौके पर जाकर पड़ताल की और नगर निगम में रिकार्ड खंगाले, तो पता चला कि 2013 में तेलीबांधा तालाब को डेवलप करने के बाद पहली बारिश में काॅलोनी डूबी थी, तब निगम अफसरों ने इसे बचाने का बड़ा़ प्लान बनाया था। उसके बाद हर साल प्लानिंग होती रही। अब तक 5 प्रोजेक्ट बन चुके हैं। इनपर अमल करना तो दूर, यहां बरसों पहले बने नाले की गहराई नगर निगम नहीं बना सका है और कालोनी डूब रही है। सिर्फ जलविहार ही नहीं, शहर के अधिकांश हिस्से में जहां भी पानी भरा, समस्या बरसों पुरानी है। लेकिन बाढ़ का पानी उतरते ही योजनाएं धराशायी हो रही हैं, अगले साल बारिश में फिर डूब रही हैं।
मरीन ड्राइव के पीछे जलविहार कॉलोनी और श्यामनगर का निचला इलाके में नाली से पानी के निकासी के लिए आधा दर्जन बार प्लान बनाए जा चुके हैं। स्मार्ट ड्रेनेज प्रोजेक्ट भी यहां लांच होना था लेकिन अभी तक इस पर अमल नहीं हुआ। इस बार भी बारिश से पहले निगम अमले ने यहां स्मार्ट ड्रेनेज सिस्टम बना लेने का दावा किया था। कई बार यहां सर्वे करवाए जा चुके हैं। शुक्रवार को हुई तेज बारिश के बाद जलविहार कॉलोनी एक बार फिर डूब गई। सुबह भी मुश्किल से लोग यहां आवाजाही कर सके। निगम के जिम्मेदार आए तो केवल फोटो खींचने। इलाके के लोग कहते हैं कि तेलीबांधा के ठीक पीछे नाली को अब तक गहरा नहीं किया गया है। गंदे नाली का पानी उसमें जमा कीचड़ सबकुछ सड़क और घरों में आ रहा है। लोग पैदल नहीं चल सकते। गाड़ियों से निकल नहीं पा रहे हैं।
जहां हमेशा भरता है, वहां फिर घरों में घुसा पानी : जल विहार कालोनी के अलावा शहर की कई अन्य कालोनियों, बस्तियों में पानी भर गया। सड़कें भी लबालब भरी रहीं। जोन-3 के कविता नगर में भी सड़क पर दो फीट तक पानी भर गया। लोगों ने घर के सामने एक-एक फींट ऊंचाई तक घेरा बना लिया है, ताकि पानी अंदर तक न आए। इसके बावजूद पानी घरों में घुस रहा है। लोधीपारा चौक में भी पानी भर गया। यहां पीडब्ल्यूडी का पुलिया की ऊंचाई ज्यादा नहीं होने के कारण पानी ठीक से निकल नहीं पाता। इस वजह से पानी भर रहा है।
पानी भरने की वजह से सड़क के दोनों तरफ वाहनों की लंबी लाइन लगी रही। इधर, रायपुरा में इंद्रप्रस्थ स्थित आरडीए कालोनी में भी पानी भर गया। लोगों का कहना है कि ड्रैनेज सिस्टम ठीक नहीं होने के कारण पानी बाहर नहीं निकला। प्रोफेसर कालोनी के भीतर की सड़कें घुटनें तक भरी रहीं। घरों में भी पानी एक-एक फीट तक घुस गया।
बारिश खत्म होने के बाद भी कालोनी से पानी उतरने में दो से तीन घंटे लग गए। रजबंधा मैदान में भाजपा कार्यालय के सामने की सड़क हर बारिश की तरह आज भी भर गई। बारिश खत्म होने के बाद पानी उतरने में दो से तीन घंटे लग गए। पानी उतरने के बाद पूरी सड़क पर गंदगी फैल गई। नालियों की गाद, कचरा और प्लास्टिक पूरी सड़क पर बिखरा गया। जीई रोड में शहीद स्मारक के सामने भी सड़क भर गई।
जिम्मेदार कौन
नगर निगम : इसलिए : निगम ने इतने सालों में अब तक जल विहार की समस्या का कोई स्थायी समाधान नहीं ढूंढा। फौरी तौर पर पानी निकालने की व्यवस्था होती है, लेकिन दूसरी बारिश में योजना फिर फेल हो जाती है। तेलीबांधा तालाब के लिए बाऊंड्री इत्यादि बनाने के बाद कालोनी का पानी तालाब के भीतर नहीं पहुंचता। पहले ढाल तालीब की ओर थी। इससे पानी तालाब में बह जाता था।
पीडब्ल्यूडी : इसलिए : केनाल रोड बनने के बाद से यहां की स्थिति बिगड़ी है। जलविहार कॉलोनी चौक से कटोरा तालाब तक डामरीकरण हुआ है। केनाल रोड के इस हिस्से की नाली का रोड के नीचे बिछे पाइप से कनेक्शन नहीं किया गया है। केनाल रोड का पानी नाली से होकर जलविहार कॉलोनी में पहुंच रहा है। कॉलोनी की नाली की क्षमता नहीं कि वह इतने पानी को फ्लो दे सके।
जिला प्रशासन : शहर के इस बड़े इलाका जो सिविल लाइन से भी जुड़ा हुआ है वहां सालों से जलभराव की इस गंभीर समस्या को जिला प्रशासन ने भी गंभीरता से नहीं लिया है। विभागों की आपसी खींचतान और समन्वय की कमी को दूर करते हुए जिला प्रशासन को इस समस्या के लिए स्थायी समाधान निकालने का प्रयास करना था। प्रशासनिक उदासीनता के कारण यह समस्या अब तक है।
अचानक हुई तेज बारिश की वजह से जलभराव की स्थिति बनी है। हम इस स्थिति को सुधारने के लिए लगातार कोशिश कर रहे हैं। बारिश की वजह से काम बाधित हुआ। नालों की सफाई आगे भी जारी रख रहे हैं। -पुलक भट्टाचार्य, अपर आयुक्त, नगर निगम
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