Sunday, 25th May 2025

35वां चक्रधर समारोह / पारंपरिक लोक संगीत की रही धूम, संतूर पर तरुण ने छेड़ी तान, अमित के वायलिन ने मुग्ध किया

Wed, Sep 4, 2019 10:04 PM

 

  • कथक, वायलिन, संतूर और छत्तीसगढ़ी लोक संगीत से सजी समारोह की दूसरी शाम 
  • लोक कलाकारों ने भोजली गीत, जय जय हो छत्तीसगढ़ मैय्या, अरपा पैरी की धार व देवी गंगा की दी प्रस्तु़ति

 

रायगढ़. 35वें चक्रधर समारोह की दूसरी शाम छत्तीसगढ़ी लोक कलाकारों ने भोजली गीत, जय जय हो छत्तीसगढ़ मैय्या, अरपा पैरी की धार व देवी गंगा, देवी गंगा पर नृत्य प्रस्तुत किया। पंडित तरुण भट्‌टाचार्य ने संतूर पर तान छेड़कर लोगों को मुग्ध किया। वायलिन पर अमित मलिक की धुन का श्रोताओं ने भरपूर लुत्फ उठाया। मंगलवार को कार्यक्रम की शुरुआत स्कूली छात्रा स्नेह परिमिता स्वाईं ने कथक से की। 

लोकसंगीत में झूमे दर्शक : 35 कलाकारों के साथ दी प्रस्तुति

  1. 35वां चक्रधर समारोह

    छत्तीसगढ़ी लोकरंग के भूपेंद्र साहू ने टीम के 35 कलाकारों के साथ लोक गीत और नृत्य की प्रस्तुति दी। पूरे कार्यक्रम में कलाकारों का आपसी सामंजस्य अद्भुत रहा। कलाकारों ने पारंपरिक परिधान में परफार्म किया जिससे स्टेज पर उनकी उपस्थिति और भी मोहक लगी। कलाकारों ने नृत्य के दौरान तीन रंगों के कपड़ों के साथ जो मुद्रा पेश की उससे तिरंगे की झलक मिली। दर्शकों ने ताली बजाकर इसका स्वागत किया। कलाकार ने सुआ पंक्ति, ददरिया, कर्मा नृत्य प्रस्तुत किए। 

     

  2. संतूर की तान में खो गए श्रोता

    35वां चक्रधर समारोह

    प्रख्यात संतूर वादक पं. तरुण भट्‌टाचार्य ने जैसे ही सुरीली धुन बजाई लोग आंखें बंद कर खो गए। वादक ने सुर की शुरुआत अलाप जोड़ बजा कर की। इसके बाद राग किरवानी, झाप ताल, तीन ताल की सुरीली धुन पर लोग झूमने लगे। उन्होंने तबले के साथ सात संगत और लयकारी की धुन काफी लंबी रखी। 

     

  3. साजन मेरे घर आयो, आयो रे...

    35वां चक्रधर समारोह

    दिल्ली से आई मालोबिका मंडल ने शास्त्रीय गायन की शुरुआत राग जोग विलंबित एक ताल से की। जिसमें पहली बंदिश शुभ दिन आज.. गाया। इसके बाद इसी राग में उन्होंने पहली बंदिश साजन मेरो घर आयो, आयो रे.. तीन ताल के साथ सुरीली आवाज में हरमोनियम और तबले की धुन के साथ सुनाया। संगतकारों ने भी स्टेज पर अच्छा साथ निभाया। 

     

  4. वायलिन से निकली श्री राम चंद्र कृपालु भजमन की धुन

    35वां चक्रधर समारोह

    वायलिन में भोपाल से आए अमित मलिक ने कई राग और गीतों पर वायलिन बजाया। उन्होंने शुरुआत राग यमन विलंबित रचना एक ताल से की। जिसमें कई गीतों की धुन सुनाई। इसके बाद द्रत एक ताल की रचना में लयबद्ध तरीके से स्वर निकाले। वायलिन पर श्रीराम चंद्र कृपालु भजमन...स्तुति बजाई। 

    आज के कार्यक्रम. कथक : श्वेता आदित्य, मोनिका गुप्ता रायगढ़, ददरिया / बारहमासी नृत्य : विद्या राजपूत, परकशन वादन : खेमेंद्र कुमार नायक रायपुर, भरथरी गायन : रेखा देवार मुंगेली, सूफी गायन: हमसर हयात मुंबई।

Comments 0

Comment Now


Videos Gallery

Poll of the day

जातीय आरक्षण को समाप्त करके केवल 'असमर्थता' को आरक्षण का आधार बनाना चाहिए ?

83 %
14 %
3 %

Photo Gallery