Monday, 9th June 2025

मानसून / हर चाैथे दिन बन रहा मानसूनी सिस्टम; सितंबर में भी ज्यादा राहत के आसार नहीं

Wed, Sep 4, 2019 9:57 PM

 

  • 25 जुलाई से लगातार बरस रहा है पानी, अब तक 54 फीसदी ज्यादा बारिश 
  • थम नहीं रहा बारिश का सिलसिला, मप्र में बादलों का डेरा, बारिश की संभावना

 

भोपाल. राज्य में बुधवार को सुबह मौसम सुहावना बना है। राजधानी भोपाल समेत राज्य के ज्यादातर हिस्सों में बादल छाए हैं और हालांकि कुछ जिलों में हवा के साथ बौछारें पड़ सकती हैं।

मौसम विभाग के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में कम दवाब का क्षेत्र बना हुआ है, इसके अलावा अन्य मौसमी गतिविधियों के चलते राज्य में बादल छाए हुए हैं और सामान्य से भारी बारिश के आसार बने हैं। बीते 24 घंटों के दौरान भी राज्य के कई हिस्सों में बौछारें पड़ी हैं। 

राज्य के मौसम में बदलाव जारी है। बुधवार को भोपाल का न्यूनतम तापमान 23.8 डिग्री सेल्सियस, इंदौर का 23.8, ग्वालियर का 25.6 और जबलपुर का न्यूनतम तापमान 24.6 सेल्सियस दर्ज किया गया।

कभी रिमझिम फुहारें, कभी तेज बारिश

शहर में बारिश का यह सिलसिला पिछले 39 दिन जारी है। इस बीच सिर्फ एक या दाे दिन माैसम खुला रहा। माैसम वैज्ञानिक कहते हैं कि इसकी वजह यह है कि 25 जुलाई से अब तक 41 दिनाें में 11 मानसूनी सिस्टम बने। मतलब यह कि हर चाैथे दिन बने सिस्टम की वजह से बारिश के दाैर थम नहीं रहे हैं। यदि इन सिस्टमाें के बनने की फ्रिक्वेंसी यही रही ताे सितंबर में भी माैसम का यह मिजाज बरकरार रह सकता है। शहर में 28 जून का मानसून ने दस्तक दी थी। 

अब तक 126 सेमी से ज्यादा बारिश 

वरिष्ठ माैसम वैज्ञानिक एके शुक्ला ने बताया कि 25 जुलाई से फिर माैसम के तेवर बदले जाे अब तक बरकरार हैं। इस वजह से अब तक 126.51 सेमी बारिश हाे चुकी है। यह अब तक की सामान्य बारिश 82.1 सेमी से 54 फीसदी ज्यादा है। 

सीजन में जुलाई में सबसे ज्यादा रही बारिश की तीव्रता

इस सीजन में जुलाई में बारिश की तीव्रता जून और अगस्त की तुलना में ज्यादा रही। 28 जून काे मानसून पहुंचने के बाद जून के 3 दिन और अगस्त के 31 दिन मिलाकर कुल 34 दिनाें में 59.43 सेमी बारिश हुई। जबकि जुलाई के 16 दिनाें में ही 64.19 सेमी बारिश हाे गई थी। इसमें हुई 4.7 सेमी का अंतर है। 

ये छह प्रकार के मानसूनी सिस्टम बनते हैं, जिनके कारण हाेती है बारिश 

  1. मीन सी लेवल यानी समुद्र तल से ऊपर ट्रफ लाइन
  2. हवा के उपरी भाग में चक्रवात
  3. कम का दबाव का क्षेत्र 
  4. अति कम दबाव का क्षेत्र
  5. अवदाब यानी डिप्रेशन 
  6. विंड सियर जाेन यानी पूर्वी और पश्चिमी हवाओं का आपस में मिलना

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