कोरबा. छत्तीसगढ़ के कोरबा में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही एक गर्भवती महिला की जान पर भारी पड़ सकती थी। प्रसव पीड़ा से तड़प रही महिला ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ताला लगा होने के दरवाजे के सामने ही बच्चे को जन्म दे दिया। गांव की महिलाओं ने साड़ियों का घेरा बनाकर महिला की डिलीवरी कराई। पूरा मामला चैतमा पीएचसी का है। वहीं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि गणेश चतुर्थी की छुट्टी होने के कारण डॉक्टर और स्टाफ नहीं थे।
दरअसल, चैतमा निवासी आनंद पटेल अपनी 25 वर्षीय पत्नी चंद्रकली को लेकर सोमवार सुबह 11 बजे प्रसव कराने पीएचसी लेकर पहुंचे थे। वहां ताला लटका मिला। इस पर उन्होंने इमरजेंसी नंबर पर फोन किया, लेकिन कॉल तक रिसीव नहीं हुई। परिजन ड्यूटी नर्स भावना कैवर्त के घर पहुंच, उन्होंने दूसरी नर्स खुशबू प्रधान को भेजने की बात कही। इस दौरान प्रसव पीड़ा से तड़प रही गर्भवती की आसपास मौजूद महिलाओं ने दोपहर 12 बजे अस्पताल के ही दरवाजे पर डिलीवरी कराई।
पीएचसी पर चैतमा सहित 15 गांवों के लोग इलाज और गर्भवती महिलाओं के प्रसव के लिए आते हैं। आरोप है कि डॉक्टर और स्टाफ की मनमर्जी के चलते अक्सर यहां पर ताला लटका रहता है। यहां पर 24 घंटे ऑल कॉल इमरजेंसी सेवा का नियम है, लेकिन कॉल करने पर भी कोई मिलता नहीं है या फिर कोई रिसीव ही नहीं करता है। इसके चलते अक्सर महिलाओं को प्रसव कराने 25 किमी दूर कटघोरा जाना पड़ता है।
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