Monday, 28th July 2025

पाक / कुलभूषण को काउंसलर एक्सेस देने के प्रस्ताव पर भारत ने कहा- उम्मीद है आईसीजे के निर्देशों का पालन होगा

Mon, Sep 2, 2019 6:22 PM

 

  • पाकिस्तान ने दूसरी बार कुलभूषण जाधव को काउंसलर एक्सेस देने प्रस्ताव दिया था, भारत ने मंजूर किया
  • पाक ने आईसीजे के फैसले के 11 दिन बाद पहली बार जाधव को काउंसलर एक्सेस देने की बात कही थी
  • अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने 21 जुलाई को कुलभूषण जाधव की फांसी पर रोक लगाई थी

 

इस्लामाबाद. भारत ने पाकिस्तानी जेल में बंद पूर्व नेवी कमांडर कुलभूषण जाधव को काउंसलर एक्सेस देने के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। कुलभूषण से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख गौरव अहलूवालिया सोमवार सुबह पाक विदेश मंत्रालय पहुंचे। उन्होंने उम्मीद जताई कि पाकिस्तान मुलाकात के दौरान माहौल अच्छा रखेगा और आईसीजे के निर्देशों का पालन करेगा। पाक ने रविवार को दूसरी बार कुलभूषण को काउंसलर एक्सेस देने का प्रस्ताव दिया था।

पाक विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा था कि जाधव को वियना कन्वेंशन के तहत काउंसलर एक्सेस मिलेगा। उन्होंने कहा यह एक्सेस आईसीजे के फैसले और पाकिस्तान के कानून के तहत दिया जाएगा। इससे पहले, पाकिस्तान सरकार ने आईसीजे के फैसले के 11 दिन बाद कुलभूषण को सशर्त एक्सेस देने का निर्णय लिया था। तब भारत ने कहा था कि इंटरनेशनल कोर्ट के आदेशानुसार हम जाधव के लिए अबाधित और जल्द एक्सेस चाहते हैं।

आईसीजे ने लगाई थी जाधव की फांसी पर रोक

आईसीजे ने 21 जुलाई को भारत के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कुलभूषण की फांसी पर रोक लगा दी थी। साथ ही पाक को उन्हें काउंसलर एक्सेस देने के निर्देश दिए थे। आईसीजे के 16 जजों ने 15-1 के बहुमत से कुलभूषण की फांसी की सजा निलंबित कर दी थी। इसके बाद पाक ने कहा था कि आईसीजे के फैसले के तहत कमांडर जाधव को एक्सेस से जुड़े उनके अधिकार बता दिए हैं। हम जिम्मेदार देश के तौर पर काउंसलर एक्सेस देंगे।

जाधव के खिलाफ पाक सेना के ट्रायल को भारत ने चुनौती दी
कुलभूषण जाधव को पाक की सैन्य अदालत ने अप्रैल 2017 में जासूसी और आतंकवाद के आरोप पर मौत की सजा सुनाई थी। भारत ने मई 2017 में आईसीजे के सामने यह मामला उठाया था। पाकिस्तान पर जाधव को काउंसलर न मुहैया करवाने का आरोप लगाया। भारत ने जाधव के खिलाफ पाकिस्तानी सेना के ट्रायल को भी चुनौती दी। आईसीजे ने 18 मई 2017 को जाधव के केस में फैसला आने तक किसी तरह की कार्रवाई नहीं करने के निर्देश दिए थे।

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