रांची/गिरिडीह. झारखंड के उत्तरी छोटानागपुर में बनी बहुप्रतीक्षित कोनार नहर परियोजना के उद्घाटन के 13 घंटे बाद ही बह गई। बुधवार रात घटिया निर्माण के कारण बगोदर में नहर की बांध टूट गई। आला अफसरों का तर्क है कि चूहों के बिल खोदने से बांध कमजोर हो गई थी। इस परियोजना से हजारीबाग, गिरिडीह और बोकारो में सिंचाई की दिक्कतों को दूर करने का लक्ष्य है। इसमें करीब 2176 करोड़ रुपए की लागत आई।
नहर का 100 फीट हिस्सा टूटने के बाद छह गांवों की 100 एकड़ में लगी फसल बर्बाद हो गई। कई इलाकों में पानी भर गया। रघुवर दास सरकार में जल संसाधन मंत्री रामचंद्र सहिस ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। मंत्री ने 24 घंटे में रिपोर्ट तलब की है।
चूहों ने बांध में बिल खोद दिए थे: मुख्य सचिव
जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने कहा कि बांध बहने की जो प्रारंभिक रिपोर्ट मिली है, उससे यही लग रहा है कि चूहों ने मिट्टी के बांध में कई बिल खोद दिए थे, जिससे बांध कमजोर हाे गया। जब नहर में पानी छोड़ा गया तो बिलों में पानी भरने से यह बह गया।
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