Wednesday, 11th June 2025

अपकमिंग / रियल स्टोरी पर बेस्ड है ‘जंगल क्राय’, फिल्म में रियल हीरोज को ही किया गया कास्ट

Mon, Aug 26, 2019 3:52 PM

बॉलीवुड डेस्क.  बीते एक साल से बड़े परदे से गायब अभय देओल जल्द ही रग्बी पर बेस्ड फिल्म जंगल क्राय से कमबैक करेंगे। सागर बेल्लारी निर्देशित इस फिल्म में उनके साथ एमली शाह नजर आएंगी। यह फिल्म अभी पोस्ट प्रोडक्शन स्टेज पर है और इसका पोस्टर और ट्रेलर देखकर उड़ीसा सरकार ने इसे टैक्स फ्री करने का वादा किया है। इसके अलावा ब्रिटिश पार्लियामेंट में फिल्म के निर्माता-निर्देशक सम्मानित किए जा चके हैं। इतना ही नहीं, इस बार जापान में होने वाले रग्बी वर्ल्ड कप के दौरान जापान सरकार ने फिल्म का प्रीमियर करने की प्लानिंग की है। आखिर इस फिल्म को क्यों इतनी वाहवाही मिल रही है। आप भी जानिए...
 

इंस्पिरेशनल है फिल्म की कहानी

  1.  

    यह फिल्म रियल लाइफ इंसीडेंट पर बेस्ड है। इसकी शुरुआत उड़ीसा के सोशल वर्कर डॉ. अच्युता सामंता की जिंदगी से होती है। वे जब चार साल के थे, तब उनके पिताजी गुजर गए। घर में पहनने के लिए कपड़े और खाने के लिए अनाज तक नहीं था और ऐसे हालात से गुजरते हुए वे पढ़-लिखकर इंजीनियर बने। आज उनकी संस्था में 30 हजार अनाथ, आदिवासी, जरूरतमंद बच्चे फ्री में शिक्षा ले रहे हैं। वे यहां खेल के शौकीन बच्चों को भी लाकर ट्रेनिंग देते हैं। इनका किस तरह इंग्लैंड में चार देशों के साथ रग्बी मैच होता है और वे कैसे इस गेम को जीत जाते हैं, यही फिल्म की कहानी है। फिल्म में अभय देओल असल कोच रुद्राक्ष जीना और एमली शाह फिजियोथेरेपिस्ट के रोल में हैं। डॉ. सामंता का किरदार अतुल कुमार निभा रहे हैं।

     

  2. फिल्म को हासिल हुईं ये उपलब्धियां

     

    • अक्टूबर में जापान में होने वाले रग्बी वर्ल्ड कप में इसका प्रीमियर आयोजित किया जाएगा।
    • यह पहली फिल्म है जिसे ब्रिटिश पार्लियामेंट की ओर से सम्मानित किया गया है।
    • उड़ीसा गर्वमेंट ने इसे टैक्स फ्री करने का वादा किया है।

     

  3. बच्चों को वीजा न मिलने से रुकी थी शूटिंग

     

    इस फिल्म में रग्बी टीम के प्लेयर्स का रोल उन्हीं रियल ट्राइबल बच्चों ने निभाया है जो संस्था में पढ़ते हैं। फिल्म के लिए तकरीबन 100 बच्चे कास्ट किए गए हैं। इन्हें लेकर जब मेकर्स शूटिंग के लिए इंग्लैंड पहुंचे तो पता चला कि अनाथ होने की वजह से इन बच्चों को वीजा नहीं मिला है। फिर इंग्लैंड के फर्स्ट मिनिस्टर ने पार्लियामेंट में मीटिंग लेकर अप्रूवल दिलाने का वादा किया और वैसा किया भी। खैर, इस पूरी प्रक्रिया के चलते फिल्म की शूटिंग एक हफ्ते डिले हुई।

     

  4. दर्शकों तक पहुंचनी चाहिए स्टोरी

     

    फिल्म के प्रोड्यूसर प्रशांत शाह कहते हैं- ‘यह उन बच्चों की कहानी है, जो मात्र चार महीने में तैयारी करके रग्बी खेलने इंग्लैंड गए। उनके पास न तो ढंग के कपड़े थे और न ही जूते, इसके बावजूद उन्होंने वर्ल्ड कप जीता। चूंकि उस दौरान टी-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप चल रहा था इसलिए यह कवरेज मीडिया में नजर नहीं आया और इन अनाथ बच्चों की सफलता दब गई। मुझे लगा कि कहानी दर्शकों तक पहुंचना ही चाहिए।’

     

  5. ‘इंशाअल्लाह’ के लिए भंसाली ने किया कॉल

     

    प्रशांत शाह का प्रोडक्शन अमेरिका में सेट अप है। वे बताते हैं, ‘अब तक मैंने ‘माई नेम इज खान’, ‘जीरो’, ‘दोस्ताना’ समेत तकरीबन 30 फिल्मों के लिए काम किया है। हाल ही में मुझे भंसाली ने ‘इंशाल्लाह’ के लिए कॉल किया था। अब मैं इस फिल्म से बतौर एग्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर जुड़ चुका हूं।'

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