Monday, 9th June 2025

मप्र / बारह जिलाें में 40 से 118 फीसदी तक ज्यादा बारिश हुई, सिर्फ चार जिलाें में सामान्य से कम

Mon, Aug 26, 2019 3:46 PM

 

  • मध्यप्रदेश में अब तक सामान्य से 16 प्रतिशत ज्यादा बरस चुका है पानी
  • प्रदेशभर मेें नदियां उफान पर, सभी प्रमुख बांधों के गेट खुले बारिश से कई जगह रास्ते बंद
  • पश्चिमी मप्र : सामान्य से 33 फीसदी ज्यादा बरसा पूर्वी मप्र : सामान्य से 2 फीसदी कम पानी गिरा

 

भाेपाल . प्रदेश के 12 जिलाें में सामान्य से 40 से लेकर 118 फीसदी तक ज्यादा बारिश हाे चुकी है। सिर्फ चार जिलाें अनूपपुर, कटनी, शहडाेल अाैर सीधी में ही सामान्य से कम बारिश हुई है। बाकी 48 जिलाें में सामान्य या उससे ज्यादा बारिश हाे चुकी है। हालात यह हैं कि शनिवार सुबह 8.30 से रविवार सुबह 8.30 बजे तक 24 घंटे में 22.7 मिमी बारिश हुई। यह 24 घंटे की सामान्य बारिश 9.3 से 144 प्रतिशत अधिक है। 


इस बार प्रदेश में अगस्त की दाे तारीख से पानी बरसने का सिलसिला शुरू हुअा है। ज्यादातर हिस्साें में लगातार कभी कम कभी ज्यादा बारिश हाे रही है। माैसम केंद्र के मुताबिक पश्चिमी मप्र में अब तक सामान्य से 33 फीसदी ज्यादा बारिश हाे चुकी है। इसके दायरे में मालवा- निमाड़, ग्वालियर- चंबल, भाेपाल संभाग के 31 जिले अाते हैं। पूर्वी मप्र में सामान्य से 2 फीसदी कम पानी बरसा है। इसकी जद में अाने वाले विंध्य, महाकाैशल अाैर बुंदेलखंड के 20 जिले अाते हैं। 

कम अंतराल से बने सिस्टम : वरिष्ठ माैसम वैज्ञानिक एके शुक्ला ने बताया कि इस बार बंगाल की खाड़ी में बहुत कम अंतराल से मानसूनी सिस्टम बनते रहे। इनका असर मप्र के माैसम पर बहुत हुअा। इस कारण यहां लगातार बारिश हाे रही है। 

वे 12 जिले... जहां 40 से 118 फीसदी ज्यादा बारिश हुई

जिला    अब तक    सामान्य    अंतर 
मंदसाैर    1297.4    596    118%
नीमच    1052.4    573.5    84%
अागर    1030.2    613.8    68%
भाेपाल    1201.2    735.3    63%
शाजापुर    1073.7    673.9    59 %
राजगढ़    1000.7    638.0    57%

जिला    अब तक    सामान्य    अंतर- 
झाबुअा    899.7    583.2    54%
गुना    1022.3    684.2    49 %
बड़वानी    717.7    485.9    48% 
रतलाम    967.2    658.5    47%      
उज्जैन    903.3    626.6    44%
सीहाेर    1088.3    779.6    40 % 

कृषि वैज्ञानिक बोले... अब धूप निकलना जरूरी, नहीं ताे फसलें हाे जाएंगी बर्बाद  :  फसलों को बचाने के लिए अब धूप निकलना बहुत जरूरी है। वजह यह है कि लगातार बारिश की वजह से जमीन में नमी बनी हुई है। इससे साेयाबीन, मक्का, मूंग, उड़द जैसी फसलाें के पाैधे भी गल रहे हैं। इनके लिए धूप निकलना जरूरी है। अब अच्छी धूप निकलने से पाैधाें काे क्लाेराेफिल मिल सकेगा और उनका बेहतर विकास हो सकेगा। -  डाॅ. एमएस परिहार, चीफ साइंटिस्ट, फल अनुसंधान केंद्र, भाेपाल

जानिए, प्रदेश में कहां-क्या हाल...

रायसेन : बेतवा का पग्नेश्वर पुल डूबने से रायसेन-सांची मार्ग बंद हो गया है। बारना पुल पर पानी आने से एनएच 12 भोपाल-जबलपुर मार्ग शाम 6 बजे से बंद हो गया है।
इंदाैर : 24 घंटे में 33 मिमी बारिश हुई। यशवंत सागर तालाब में पानी बढ़ने से एक गेट खाेला गया।
ग्वालियर :  शाम 3.45 से 4.15 बजे तक 27.1 मिमी बारिश हुई। यहां के तिघरा जलाशय का जलस्तर 733.20 फीट हाे गया है। 
खंडवा : इंदिरा सागर बांध के 12 अाैर ओंकारेश्वर बांध के 14 गेट खुले हैं। अाेंकारेश्वर बांध के गेट नंबर 8 के पास एक भैंस फंस गई थी, जिसे रेस्क्यू कर निकाला। 
टीकमगढ़ : माताटीला डेम द्वारा 2.5 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से बेतवा एवं जामनी नदी उफान पर आ गई। इनके आसपास बसे गांवो में बाढ़ जैसे हालात हैं। पृथ्वीपुर के पास चार युवक मंदिर पर फंस गए।
श्याेपुर : खताैली का पुल डूबने से पिछले तीस दिन में दसवीं बार श्याेपुर-काेटा सड़क मार्ग पर आवागमन बंद हाे गया है।
हाेशंगाबाद : तवा बांध के 13 गेट 7 फीट तक रविवार शाम फिर खाेल दिए गए। बरगी बांध के भी 15 गेट एक-एक मीटर खाेले गए हैं। अभी नर्मदा का जलस्तर 950 फीट है।

Comments 0

Comment Now


Videos Gallery

Poll of the day

जातीय आरक्षण को समाप्त करके केवल 'असमर्थता' को आरक्षण का आधार बनाना चाहिए ?

83 %
14 %
3 %

Photo Gallery