Saturday, 24th May 2025

आईएनएक्स मामला / चिदंबरम की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई

Mon, Aug 26, 2019 3:36 PM

 

  • आईएनएक्स मामले में पी चिदंबरम के खिलाफ ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग और सीबीआई ने भ्रष्टाचार का केस दायर किया
  • दिल्ली हाईकोर्ट से जमानत याचिका रद्द होने के बाद पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया
  • स्पेशल कोर्ट ने 22 अगस्त को फैसला सुनाते हुए चिदंबरम को 26 अगस्त तक सीबीआई रिमांड पर भेजा था

 

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट आईएनएक्स मीडिया मामले में पी चिदंबरम की अंतरिम जमानत याचिका पर आज सुनवाई करेगा। दिल्ली हाईकोर्ट से जमानत याचिका रद्द होने के बाद चिदंबरम ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। जस्टिस आर भानुमति और जस्टिस एएस बोपन्ना की पीठ इस पर सुनवाई करेगी। इससे पहले स्पेशल कोर्ट ने 22 अगस्त को फैसला सुनाते हुए चिदंबरम को 26 अगस्त तक सीबीआई रिमांड पर भेजा था। जस्टिस अजय कुमार कुहार ने कहा था कि चिदंबरम के खिलाफ लगे आरोप गंभीर हैं, इनकी गहराई से जांच जरूरी है।

आईएनएक्स मामले में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग और सीबीआई ने भ्रष्टाचार का केस दायर किया है। सुप्रीम कोर्ट ने 23 अगस्त को सुनवाई करते हुए ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) मामले में 26 अगस्त तक चिदंबरम को गिरफ्तार न करने के लिए कहा था।  सीबीआई मामले में चिदंबरम को कोई राहत नहीं दी थी।

सिब्बल ने कहा- न्याय पाना चिदंबरम का बुनियादी हक
चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल ने शुक्रवार को कहा था, ‘‘इंसाफ पाना चिदंबरम का मूल अधिकार है। दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ हमने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। लेकिन जिस तरह से मामले को डील किया जा रहा है, वह बेचैन करने वाला है। हाईकोर्ट में जिरह खत्म होने के बाद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जस्टिस गौर को नोटिस दे दिया। हमें जवाब देने का भी मौका नहीं दिया गया।’’

इस पर मेहता ने कहा था, ‘‘गलत बयानी मत कीजिए। बहस खत्म होने के बाद मैंने कोई नोटिस नहीं दिया।’’ सिब्बल बोले कि क्या कसम खाकर ऐसा कह सकते हैं? सिब्बल के मुताबिक, ‘‘हाईकोर्ट का फैसला शब्दश: यहां है। कॉमा की जगह कॉमा और पूर्णविराम की जगह पूर्णविराम लगा है। कॉपी में सबकुछ है, लिहाजा यही चिदंबरम को जमानत न देने का आधार बन गया।’’

वित्त मंत्री रहते हुए विदेशी निवेश की मंजूरी दी थी
आरोप है कि चिदंबरम ने वित्त मंत्री रहते हुए रिश्वत लेकर आईएनएक्स को 2007 में 305 करोड़ रु. लेने के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड से मंजूरी दिलाई थी। जिन कंपनियों को फायदा हुआ, उन्हें चिदंबरम के सांसद बेटे कार्ति चलाते हैं। सीबीआई ने 15 मई 2017 को केस दर्ज किया था। 2018 में ईडी ने भी मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया। एयरसेल-मैक्सिस डील में भी चिदंबरम आरोपी हैं। इसमें सीबीआई ने 2017 में एफआईआर दर्ज की थी।

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