Sunday, 25th May 2025

छत्तीसगढ़ / अबूझमाड़ में लड़कों को दी जा रही थी नक्सली ट्रेनिंग, 350 जवानों ने बोला धावा

Sun, Aug 25, 2019 6:00 PM

 

  • नक्सलियों के कोर एरिया में मोबाइल और वायरलेस भी काम नहीं करता

 

जगदलपुर . नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ में डीआरजी के जवानों को बड़ी सफलता मिली है। जवानों ने यहां ऐसी जगह एनकाउंटर को अंजाम दिया है कि यदि यहां जवान फंस जाते तो अपने फंसने की जानकारी बाहर के साथियों तक पहुंचा नहीं पाते। जवानों ने ओरछा से 20 किमी अंदर गम्मेमरका में जहां सड़क, मोबाइल नेटवर्क यहां तक कि पुलिस के वायरलेस सेट भी ठीक से काम नहीं करते हैं वहां सैटेलाइट फोन के भरोसे नक्सलियों के एक पूरे ट्रेनिंग कैंप को ध्वस्त कर दिया है। यही नहीं जवानों ने यहां पांच नक्सलियों को भी ढेर किया है।


बस्तर आईजी विवेकानंद सिन्हा ने बताया कि यह पहला मौका है जब अबूझमाड़ में जवानों को इतनी बड़ी सफलता मिली हो। जिस स्थान पर जवानों ने एनकाउंटर को अंजाम दिया है वह स्थान नक्सलियों का कोर एरिया है। यहां जवानों का पहुंचना और फिर एनकाउंटर करना अपने आप में बड़ी उपलब्धि है।  एनकाउंटर के बाद आसपास के कैंपों से बड़ी संख्या में बैकअप पार्टियों को मौके की तरफ रवाना किया गया है। 

वापसी के लिए 20 किमी पैदल चलेंगे जवान, 15 घंटे लगेंगे

घटनास्थल पर सैटेलाइट फोन भी ठीक से काम नहीं कर रहे थे : इधर गम्मेमरका के जिस जंगल में जवानों ने एनकाउंटर को अंजाम दिया है वहां वायरलेस सेट और सेटेलाइट फोन भी ठीक से काम नहीं कर रहे थे। एनकाउंटर के बाद सेटेलाईट फोन से ऑपरेशन पूरा होने की जानकारी जिला मुख्यालय तक पहुंचाई गई। आईजी विवेकानंद सिन्हा ने बताया कि सेटेलाईट फोन से मिली जानकारी के बाद बैकअप पार्टियों को मदद के लिए भेजा गया है। 

मुठभेड़ में दो जवान भी घायल हुए हैं, रात तक जंगल में ही थे : जवानों के द्वारा सफल ऑपरेशन के बाद भी उनकी मुश्किलें कम नहीं हुई हैं, वापसी के दौरान जवानों को नक्सलियों के पांच शव और दो घायल जवानों को पैदल ही ओरछा तक लाना है। वापसी में जवानों को शनिवार का पूरा दिन कट गया और जवान अभी भी जंगल में हैं। एसपी मोहित मर्ग का कहना है कि जवान रात में भी वापस आ गए तो यह बड़ी बात होगी। 

जवान रात में ही नक्सलियों के कैंप तक पहुंच गए थे, सुबह हमला : इस पूरे आॅपरेशन के संबंध में पुलिस बेहद गोपनीयता बरत रही है। पांच नक्सलियों को ढेर करने के बाद भी अफसर कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं। नारायणपुर एसपी मोहित गर्ग ने तो जवानों की संख्या और बाकी डिटेल बताने से भी इंकार कर दिया। इधर जंगल के हमारे सूत्र बता रहे हैं कि जवानों ने अबूझमाड़ के गम्मेमरका में नक्सली कैंप ध्वस्त किया है। 350 जवान दो दिन पहले ओरछा से पैदल ही मौके के लिए निकले थे। जवान शुक्रवार की देर रात अपने टारगेट पर पहुंचे लेकिन जवानों ने रात में कोई हमला या हलचल यहां नहीं की। शनिवार सुबह सूरज की पहली किरण के साथ ही कैंप पर हमला बोला गया।

सड़क किनारे मिले 10 किलो के बम को नष्ट किया गया : दोरनापाल | सुरक्षाबलों द्वारा नक्सलियों पर एक के बाद एक हमले कर दबाव बनाया जा रहा । सुकमा से लेकर नारायणपुर तक नक्सलियों के गढ़ में घुसकर जवानों ने नक्सलियों पर चौतरफा हमला बोला है।  इस दबाव से उबरने नक्सलियों द्वारा लगातार रणनीति बनाई जा रही है । इसका खुलासा सुकमा जिले में दो मुख्य मार्गों से अब तक बरामद की गई आईईडी से हुआ है। जानकारी के मुताबिक  शनिवार की सुबह सीआरपीएफ की 74वी बटालियन एंव दोरनापाल पुलिस थाना स्टाफ को नक्सलियों द्वारा दोरनापाल-जगरगुंडा मार्ग पर आईईडी लगाए जाने की सूचना मिली थी। जिसके बाद कमांडेंट प्रवीण कुमार सिंह के निर्देश पर सीआरपीएफ के बम निरोधक दस्ता सर्चिंग में निकला और दोरनापाल से चार किमी की दूरी पर देवरपल्ली के पास सड़क किनारे नक्सलियों द्वारा लगाई गई आईईडी उन्हें मिली।

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