Monday, 28th July 2025

जोधपुर / जमीन खरीद मामले में अंतिम बहस के लिए वाड्रा ने समय मांगा, गिरफ्तारी पर रोक जारी

Fri, Aug 23, 2019 12:51 AM

 

  • बीकानेर जिले के कोलायत में 270 बीघा जमीन की खरीद से जुड़ा हुआ है यह मामला
  • जोधपुर हाईकोर्ट ने वाड्रा को 22 दिन का वक्त दिया, अब 12 सितंबर को होगी सुनवाई

 

जोधपुर. बीकानेर के कोलायत जमीन खरीद मामले में रॉबर्ट वाड्रा से जुड़े मामले में गुरुवार को राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान वाड्रा के वकील ने बहस के लिए समय देने की मांग की। इसका प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के वकील ने विरोध किया। जज ने वाड्रा के वकील को समय देते हुए अगली सुनवाई 12 सितंबर तय कर दी। वहीं, वाड्रा और उनके पार्टनरों की गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट की तरफ से लगाई गई रोक अगली सुनवाई तक जारी रहेगी। 


जोधपुर हाईकोर्ट में जस्टिस जीआर मूलचंदानी की बेंच में इस मामले में अंतिम बहस होनी थी। सुनवाई शुरू होते ही वाड्रा के वकील ने समय मांग लिया। ईडी के वकील ने एएसजी रस्तोगी ने कहा कि बार-बार समय देना उचित नहीं रहेगा। ऐसे में आज ही अंतिम बहस कर ली जाए। हालांकि, दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद जज ने 21 दिन का वक्त दिया। 

क्या है मामला?

2007 में वाड्रा ने स्काइलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड के नाम से एक कंपनी की शुरुआत की। रॉबर्ट और उनकी मां मौरीन इस कंपनी के डायरेक्टर बनाए गए। बाद में कंपनी का नाम बदलकर स्काइलाइट हॉस्पिटैलिटी लिमिटेड लायबिलिटी कर दिया गया। रजिस्ट्रेशन के वक्त बताया गया था कि ये कंपनी रेस्टोरेंट, बार और कैंटीन चलाने जैसे काम करेगी।

2012 में खरीदी थी जमीन
वाड्रा की कंपनी ने 2012 में कोलायत क्षेत्र में कुछ दलालों के जरिए 270 बीघा जमीन 79 लाख रुपए में खरीदी। बीकानेर में भारतीय सेना की महाजन फील्ड फायरिंग रेंज के लिए जमीन आवंटित की गई थी। यहां से विस्थापित हुए लोगों के लिए दूसरी जगह पर 1400 बीघा जमीन आवंटित की गई थी, लेकिन कुछ लोगों ने इस जमीन के फर्जी कागजात तैयार करवाकर वाड्रा की कंपनी को बेच दिए।
 

यह जमीन सेना की थी और इसका बेचा नहीं जा सकता था। इन लोगों के माध्यम से ही वाड्रा ने क्षेत्र के कुछ गांवों में और जमीन खरीदने का प्रयास किया, लेकिन मामला आगे बढ़ नहीं पाया। फर्जी तरीके से जमीन के बेचने का मामला उजागर होने से पहले वाड्रा की कंपनी ने इस जमीन को 5 करोड़ रुपए में बेच दिया। ईडी ने इस मामले में कुछ स्थानीय अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध मानी है। उनकी मिलीभगत से कुछ लोगों ने जमीन के फर्जी कागजात तैयार कराए। 

मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े इस मामले की ईडी ने जांच शुरू की
मनी लांड्रिंग से जुड़े इस मामले की ईडी ने जांच शुरू की थी। ईडी की पूछताछ से बचने के लिए वाड्रा लंबे अरसे से प्रयास करते रहे। कई बार समन जारी करने के बावजूद वे ईडी के सामने पेश नहीं हुए। ईडी की सख्ती पर वाड्रा ने राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर स्थित मुख्य पीठ में अपील दायर कर पूछताछ पर ही सवालिया निशान लगाया। हाईकोर्ट ने वाड्रा को आदेश दिया कि वे 12 फरवरी को अपनी मां मौरिन के साथ ईडी के समक्ष पेश होकर उसके सवालों का जवाब दें। इसके बाद वाड्रा जयपुर में ईडी के समक्ष पेश हुए थे।

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