Thursday, 22nd May 2025

सफाई / नेपोटिज्म के आरोपों पर बोले करन जौहर- 17 बाहरी डायरेक्टर्स की लॉन्चिंग का क्रेडिट क्यों नहीं मिलता

Thu, Aug 22, 2019 2:07 AM

बॉलीवुड डेस्क.  नेपोटिज्म (भाई-भतीजावाद) को बढ़ावा देने के आरोपों पर करन जौहर ने खुलकर बात की। प्रोड्यूसर-डायरेक्टर ने एक इंटरव्यू में सफाई देते हुए कहा, "हमने 21 डेब्यू डायरेक्टर्स को मंच दिया है। इनमें से 16-17 नेपोटिस्टिक नहीं हैं। वो फिल्म बिरादरी या इंडस्ट्री से भी नहीं हैं। पूरी तरह बाहर से हैं। मुझे इसका फायदा क्यों नहीं मिलता?" दरअसल, 2017 में जब कंगना रनोट 'कॉफी विद करन' में पहुंची थीं, तब उन्होंने करन पर बॉलीवुड में भाई-भतीजावाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था। तब से इंडस्ट्री में यह मुद्दा लगातार छाया हुआ है। 

मुझे क्रेडिट क्यों नहीं मिलता: करन

  1.  

    करन आगे कहते हैं, "मेरा प्रोडक्शन हाउस (धर्मा) उन बच्चों को लॉन्च कर रहा है जो डायरेक्टर या फिल्ममेकर हैं। वो मेजर मोशन पिक्चर्स बना रहे हैं और गेम को लीड कर रहे हैं। वो इंडस्ट्री से नहीं हैं। मुझे इसका क्रेडिट क्यों नहीं मिलता? क्यों ऐसे कुछ एक्टर्स को बदनाम किया जाता है, जो इंडस्ट्री से हैं? मैं ही क्यों पहले स्पष्टीकरण दूं? मुझे लगता है कि वो कैमरे का सामना करने के लिए प्रतिभाशाली हैं। या यूं कहा जा सकता है कि उन्हें आसानी से एक्सेस मिल गया हो। लेकिन इसके बाद उन्हें आगे की यात्रा भी तो मिली है।"

     

  2. वरुण धवन की लॉन्चिंग पर

     

    करन ने वरुण धवन और आलिया भट्ट को 'स्टूडेंट ऑफ दि ईयर' (2012) से लॉन्च किया था। आरोप लगता है कि उन्होंने स्टार किड होने की वजह से दोनों को मौका दिया। इसकी सफाई में वो कहते हैं, "वरुण मेरा असिस्टेंट था ('माय नेम इज खान' में)। उसने उस फिल्म के लिए बहुत मेहनत की थी।

     

  3. आलिया भट्ट की लॉन्चिंग पर

     

    बकौल करन, "आलिया भट्ट को मैं तब से देखता आ रहा हूं, जब वो बच्ची थी। वह उस वक्त पूरी तरह मेरे जोन में नहीं थी। उसने 500 अन्य लड़कियों के साथ फिल्म के लिए ऑडिशन दिया था, जिनमें 380 इंडस्ट्री से नहीं थीं और आलिया भी उनमें से एक थी। उसे प्राथमिकता नहीं दी गई। मैं किसी को भी कास्ट कर सकता था।"

     

  4. टैलेंट के दम पर आगे बढ़े वरुण- आलिया

     

    आलिया और वरुण के लिए यही कहूंगा कि वो अपने टैलेंट के दम पर आगे बढ़े हैं। ऐसा नहीं है कि मैं उन्हें निखारने के लिए स्कूल चला रहा हूं। मुझे लगता है कि कुछ खास दिखा होगा, तभी मैंने इन एक्टर्स को फिल्म में लिया। मुझे नहीं लगता कि हमेशा इस पर सफाई देने की जरूरत है। उनकी अपनी यात्रा है। अगर उनके पास टैलेंट नहीं होता तो दर्शक उन्हें स्वीकार नहीं करते। यहां तक कि बतौर प्रोड्यूसर मैं भी उन्हें बार-बार फिल्म में नहीं लेता। मैं मूर्ख नहीं हूं। कंपनी चला रहा हूं।"

Comments 0

Comment Now


Videos Gallery

Poll of the day

जातीय आरक्षण को समाप्त करके केवल 'असमर्थता' को आरक्षण का आधार बनाना चाहिए ?

83 %
14 %
3 %

Photo Gallery