भोपाल। यदि आपके पास घर में कोई सामग्री 100 साल से ज्यादा पुरानी है तो संभालकर रखिएगा, उसे म्यूजियम में जगह मिल सकती है, इसकी पहल भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की ओर से की जा रही है। इतना ही नहीं अब लोग 100 साल पुराने सामान को विदेश भी नहीं ले जा सकेंगे।
एएसआई ऐसी कीमती और प्राचीन वस्तुओं का पंजीयन करने जा रहा है। जिनका अपना अलग महत्व और उन्हें इतिहास में अलग पहचान मिले। एएसआई ऐसे वस्तुओं का सबसे पहले पंजीयन करेगी और उसके बाद संबंधित व्यक्ति को प्रमाण पत्र भी देगी, ऐसा होने से कीमती धरोहर को एक पहचान मिल सकेगी और उसे म्यूजियम में भी रखवाया जा सकेगा।
केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री प्रहलाद पटेल का कहना है कि खाका तैयार है, इस पर अगले दो महीने में काम शुरू हो जाएगा। पहले चरण में उन्होंने 100 साल पुरानी वस्तुओं को शामिल किया जा रहा है। आमतौर पर घरों में पुरानी सामग्री होती हैं और उनका अपना अलग महत्व होगा। भले घर के लोगों के लिए उन चीजों का महत्व न हो, लेकिन यह दूसरे के लिए प्ररेणादायी होती हैं, ऐसी वस्तुओं का पंजीयन करने के लिए एएसआई की ओर मुहिम चलाई जाएगी। उन्होंने बताया कि यदि इसके बाद भी लोग ऐसा नहीं कराएंगे और आने वाले समय में वस्तुएं पाईं जाएगी तो यह अपराध की श्रेणी में आ जाएगा।
अभियान चलेगा: पहले चरण में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के संभाग स्तरीय कार्यालयों में तीन दिवसीय शिविर लगाए जाएंगे, जिनमें डिस्प्ले लगेंगे और लोग अपनी प्राचीन सामग्री कार्यालय लाकर उसका पंजीयन कराएंगे। उन्हें मौके पर ही पंजीयन का प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में इस मुहिम की शुरुआत नवंबर में होगी।
प्रमाणपत्र दिया जाएगा: नई पॉलिसी तैयार की जा रही है। उसमें लोगों को सबसे पहले प्राचीन सामग्री का पंजीयन कराने का अवसर दिया जाएगा। जब पंजीयन हो जाएगा तो संबंधित व्यक्ति को उसका प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा, ऐसा होने के बाद भी कोई प्राचीन सामग्री चोरी होने या फिर बिना अनुमति के विदेश नहीं जा पाएगी और चोरी होने पर सामग्री की पहचान भी जल्द कर ली जाएगी।
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