Monday, 9th June 2025

प्रस्ताव / क्यों न रामायण सर्किट की तरह उज्जैन- इंदौर-ओंकारेश्वर की 'ॐ रेखा' भी डेवलप हो

Mon, Aug 12, 2019 3:57 PM

 

  • 137 किमी में 2 ज्योतिर्लिंग, बीच में अहिल्या नगरी
  • रोज 20 हजार, खास मौकों पर 5 लाख तक आने वाले श्रद्धालुओं में से 70% महाकाल के दर्शन कर लौट जाते हैं

Dainik Bhaskar

Aug 12, 2019, 08:21 AM IST

गीतेश द्विवेदी, इंदौर. देश में संभवत: इंदौर ऐसा शहर है, जिसके 137 किमी के दायरे में दो ज्योतिर्लिंग हैं। 55 किमी दूर उज्जैन में महाकाल तो 78 किमी दूर ओंकारेश्वर में ममलेश्वर। दोनों ज्योतिर्लिंग के बीच की दूरी भी सिर्फ 137 किमी। श्रद्धालु चाहें तो एक ही दिन में दोनों के दर्शन कर सकते हैं, लेकिन ज्यादातर ऐसा कर नहीं पाते, जबकि दोनों ओर से इंदौर आकर वहां आसानी से जाया जा सकता है। इंदौर की पूर्व शासक अहिल्याबाई होलकर भी शिव की उपासक थीं, इसलिए उज्जैन-इंदौर-ओंकारेश्वर को मिलाकर धार्मिक टूरिज्म जोन बनाया जा सकता है। ‘भास्कर’ ने इस उज्जैन-इंदौर-ओंकारेश्वर धार्मिक टूरिज्म जोन को नाम दिया है ‘ॐ रेखा’। इसे लेकर वर्तमान और दो पूर्व संभागायुक्त से बात की। तीनों ने इस प्रोजेक्ट को प्लान किया कि किस तरह ‘ॐ रेखा’ को रामायण सर्किट व दिल्ली-जयपुर-आगरा के गोल्डन ट्राइंगल की तर्ज पर विकसित कर सकते हैं। अब इसे शासन को भेजेंगे, ताकि ‘ॐ रेखा’ धार्मिक टूरिज्म जोन आकार ले सके।

ॐ रेखा बने तो चार दिन के पैकेज में भोजपुर में भी शिव दर्शन हो सकेंगे

इसे बनाने की तीन वजह

  •  उज्जैन में रोजाना औसतन 20 हजार और त्योहार के दिनों में एक से पांच लाख श्रद्धालु जाते हैं। इनमें से 70 फीसदी उज्जैन में ही दर्शन कर लौट जाते हैं।
  •  इंदौर, उज्जैन और ओंकारेश्वर के पास है, फिर भी यहां पर्यटक कम आते हैं। जो आते हैं, वे भी सिर्फ मांडू, महेश्वर जाने के लिए। जबकि यहां भी राजबाड़ा जैसे हेरिटेज हैं। तीनों शहरों को मिलाकर धार्मिक टूरिज्म जोन ‘ओम रेखा’ विकसित करें तो इंदौर में विदेशी पर्यटक भी आ सकेंगे। जब ये डेवलप होगा तो पर्यटक 4 दिन के पैकेज में महेश्वर व भोजपुर में भी शिव दर्शन करने की योजना बना सकेंगे।  
  •  इंदौर से मोरटक्का के बीच सिमरोल से चोरल रेलवे क्रॉसिंग का 9 किमी हिस्सा सबसे बड़ा ब्लैक स्पॉट। 2018 में यहां 136 सड़क हादसों में 22 जानें गईं। 

राम की जीवन यात्रा वाले शहरों का रामायण सर्किट

  •  केंद्र सरकार ने भगवान राम के जन्मस्थान अयोध्या से श्रीलंका कूच करने के दौरान बीच में आए शहरों को जोड़ने के लिए यह योजना घोषित की है। इसमें 10 राज्यों के 15 शहर शामिल हैं। {इसी तरह दिल्ली से आगरा और जयपुर को जोड़कर गोल्डन ट्राइंगल बना है। इससे इन शहरों में पर्यटक बढ़ गए हैं।

भास्कर के अनुरोध पर वर्तमान व दो पूर्व संभागीय आयुक्तों ने बनाया प्लान

1.  उज्जैन-ओंकारेश्वर के बीच टूरिस्ट बसें चलाएं। इनका समय इंदौर-उज्जैन में आने वाली बड़ी ट्रेनों से कनेक्ट किया जाए।

2. बद्रीनाथ, केदारनाथ की तरह हेलिकॉप्टर सेवा शुरू हो। इंदौर एयरपोर्ट से हेलिकॉप्टर मिल जाए।

3.  इंदौर-मोरटक्का रोड खराब है। इंदौर-खंडवा फोरलेन का काम अधूरा है। यह पूरा हो तो उज्जैन से ओंकारेश्वर 3 घंटे में पहुंच जाएं।

4. उज्जैन के महाकाल मंदिर, रेलवे स्टेशन व इंदौर एयरपोर्ट पर ॐ रेखा की ब्रांडिंग हो। शेष | पेज 12 पर


5. चोरल नदी व डैम, हनुवंतिया, सैलानी टॉपू पर वाटर स्पोर्ट्स बढ़ाएं। महू-पातालपानी हेरिटेज ट्रेन की ब्रांडिंग की जाए।

6. तीनों शहरों के लिए सरकार या कंपनियों के साथ मिलकर अलग-अलग दिन के टूर पैकेज बनाएं। जैसे- आईआरसीटीसी बनाती है।

7. ओंकारेश्वर-उज्जैन में हर साल त्याेहारों पर बड़ा आयोजन नहीं होता। सावन में मेला या बड़ा आयोजन किया जाए।

तीनों शहरों को ये फायदे होंगे : तीनों शहरों में होटल-टूरिज्म इंडस्ट्री में बूम आएगा। अकेले इंदौर में कारोबार 150 करोड़ रु. को पार होगा। दुबई फ्लाइट से खाड़ी देशों के भारतीय दो दिन में दोनों ज्योतिर्लिंग के दर्शन कर सकेंगे। इंदौर में पर्यटकों की संख्या 10 गुना बढ़ सकती है

Comments 0

Comment Now


Videos Gallery

Poll of the day

जातीय आरक्षण को समाप्त करके केवल 'असमर्थता' को आरक्षण का आधार बनाना चाहिए ?

83 %
14 %
3 %

Photo Gallery