Monday, 9th June 2025

नागचंद्रेश्वर दर्शन / उज्जैन में उमड़ा भक्तों का सैलाब, दर्शन के लिए एक लाख से ज्यादा लोग लाइन में लगे

Mon, Aug 5, 2019 6:16 PM

 

  • रात 12 बजे खुले मंदिर के पट, 15 मिनट पूजा के बाद दर्शन शुरू, आज रात 12 बजे तक होंगे दर्शन 
  • श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ते ही प्रशासन के सारे इंतजाम ध्वस्त, भीड़ काबू करने पुलिस ने बल प्रयोग किया

 

उज्जैन. श्रावण सोमवार और नागपंचमी के विशेष संयोग से नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिए रविवार रात में ही अनुमान से ज्यादा भीड़ उमड़ पड़ी। रात से सुबह तक एक लाख से ज्यादा लोग अपने आराध्य के दर्शन कर चुके हैं, वहीं डेढ़ किलोमीटर से ज्यादा लंबी लाइन में भक्त खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। इसके अलावा लगातार भक्तों के उज्जैन पहुंचने का सिलसिला जारी है।

साल में एक बार नागपंचमी पर खुलने वाला महाकाल मंदिर की तीसरी मंजिल पर विराजित नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट रविवार रात 12 बजे खुले, यहां भक्त सोमवार रात 12 बजे तक दर्शन कर पाएंगे। श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ी तो प्रशासन के इंतजाम ध्वस्त हो गए। भीड़ काबू करने के लिए पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया। 

नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिए रविवार रात 9 बजे तक कतारें फुल हो गई थीं। श्रद्धालुओं को रविशंकर नगर की ओर जाने वाले मार्ग पर ओवरब्रिज तक और इधर, त्रिवेणी संग्रहालय मार्ग पर श्रद्धालुओं को रोक दिया। श्रद्धालु कतार की ओर जाना चाहते थे, लेकिन पुलिस उन्हें पीछे धकेलती रही। रात 12.30 बजे तक ब्रिज के नीचे से रविशंकर नगर तक लोग जमा थे। इधर, त्रिवेणी संग्रहालय की तरफ से होकर लोग चारधाम मंदिर जाने वाले मार्ग तक जमा हो गए थे। रात 1 बजे यहां से श्रद्धालुओं को छोड़ने की शुरुआत की गई, लेकिन रफ्तार धीमी थी।

रात 12 बजे पट खुले, जयकारों के बीच पूजन 
रात 12 बजे महानिर्वाणी अखाड़े के महंत प्रकाश पुरी ने नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट खोले। इसके पहले उन्होंने मंदिर के बाहर लगी नागशैया पर विराजित शिव-पार्वती का पूजन किया। पट खोल कर मंदिर के भीतर भगवान नागचंद्रेश्वर महादेव का पूजन-अभिषेक किया। पूजन में शासन की ओर से कलेक्टर शशांक मिश्र शामिल हुए। पूजन के दौरान गर्भगृह में अधिकारी, जनप्रतिनिधि और अन्य वीआईपी मौजूद थे। इस बार पूजन में 15 मिनट का समय ही लगाया। इससे आम श्रद्धालुओं के दर्शन जल्द ही शुरू हो गए। दर्शन खुलते ही श्रद्धालु जय-जयकार करते हुए मंदिर में पहुंचने लगे। 

एकमात्र प्रतिमा, जहां पर शिव-पार्वती सर्प शय्या पर विराजित 
नागचंद्रेश्वर मंदिर के गर्भगृह में शिवलिंग विराजमान है। गर्भगृह के बाहर दीवार पर 11वीं शताब्दी की दुर्लभ प्रतिमा है। इसमें फन फैलाए नाग के आसन पर शिव-पार्वती बैठे हैं। मान्यता है यह एकमात्र प्रतिमा है जिसमें भगवान शिव-पार्वती सर्प शय्या पर विराजित हैं। 

  • आज दोपहर में पूजन: नागचंद्रेश्वर का सोमवार दोपहर 12 बजे अखाड़े द्वारा पूजन किया जाएगा। इसके बाद मंदिर समिति द्वारा महाकालेश्वर की सायं आरती के बाद नागचंद्रेश्वर की पूजन-आरती की जाएगी। 
  • यहां से दर्शनार्थियों को प्रवेश : नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिए सामान्य दर्शनार्थियों को त्रिवेणी संग्रहालय की ओर से आने वाले मार्ग पर लगे बेरिकेड्स से प्रवेश दिया है। दर्शनार्थी हरिफाटक ब्रिज से रूद्रसागर की ओर आकर कतार में लग सकते हैं। 250 रु. से शीघ्र दर्शन करने के लिए शंख द्वार से प्रवेश दिया जाएगा। 
  • लड्डु प्रसाद के लिए काउंटर : सोमवार को महाकाल मंदिर के निर्गम द्वार के सामने नगर निगम फूड जोन परिसर में लड्डू प्रसाद के चार काउंटर लगाए हैं। 
  • प्राथमिक मेडिकल सुविधा यहां : सरस्वती शिशु मंदिर महाकालपुरम, माधव सेवा न्यास, फेसेलिटी सेंटर एवं मंदिर प्रांगण में प्राथमिक मेडिकल सुविधा उपलब्ध है।

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