Monday, 9th June 2025

प्रतिक्रिया / महबूबा ने कहा- आज भारतीय लोकतंत्र का सबसे काला दिन, 370 रद्द करने के भयावह परिणाम होंगे

Mon, Aug 5, 2019 6:11 PM

 

  • गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को राज्यसभा में अनुच्छेद 370 हटाने का संकल्प पेश किया
  • पूर्व गृहमंत्री चिदंबरम ने कहा- जम्मू-कश्मीर में इस स्थिति को लेकर पहले ही चेतावनी दी थी, लगता है सरकार ऐसा करने पर अड़ गई है

 

नई दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को राज्यसभा में अनुच्छेद 370 हटाने का संकल्प पेश किया। इस पर पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि आज भारतीय लोकतंत्र का सबसे काला दिन है। 1947 में दो राष्ट्र सिद्धांत को खारिज करने और भारत के साथ मिलने के जम्मू-कश्मीर नेतृत्व के फैसले को पीछे छोड़ दिया गया है। भारत सरकार की धारा 370 को रद्द करने का निर्णय गैरकानूनी, एकतरफा और असंवैधानिक है। ये भारत को जम्मू-कश्मीर में एक निरंकुश शक्ति बना देगा।

महबूहा ने ट्वीट किया कि उपमहाद्वीप के लिए इसके भयावह परिणाम होंगे। भारत सरकार के इरादे स्पष्ट हैं। वे यहां के लोगों को भयभीत कर जम्मू-कश्मीर का इलाका चाहते हैं। भारत कश्मीर पर अपने वादे निभाने में नाकाम रहा।

जम्मू-कश्मीर के मौजूदा हालात पर दिग्गज अभिनेता अनुपम खेर ने कहा कि कश्मीर समस्या का समाधान शुरू हो चुका है। वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि सरकार मकसद हासिल करने क लिए मूल्यों को कुचलना चाहती है। रविवार आधी रात से जम्मू-कश्मीर में तीनों पूर्व मुख्यमंत्रियों फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को नजरबंद कर दिया गया है। घाटी में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है।

खेर एक कश्मीरी पंडित हैं। कई मौकों पर वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा सरकार का समर्थन करते देखे गए हैं। उनकी पत्नी किरण खेर भाजपा सांसद हैं। खेर कह चुके हैं कि अनुच्छेद 370 हटाकर ही घाटी में सभी समस्याओं का समाधान किया जा सकता है।

वहीं, पूर्व गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को नजरबंद किए जाने पर चिंता जताई है। उन्होंने सोमवार को ट्वीट किया, ‘‘जम्मू-कश्मीर के नेताओं को नजरबंद किया जाना इस बात का संकेत है कि सरकार अपने उद्देश्य को हासिल करने के लिए सभी लोकतांत्रिक सिद्धांतों और मूल्यों को कुचल देगी। मैं उन्हें नजरबंद किए जाने की आलोचना करता हूं।’’

 

उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में इस कार्रवाई को लेकर पहले ही चेतावनी दे दी थी। लगता है सरकार अब ऐसा करने पर अड़ गई है। कश्मीर में अगर कोई बड़ा संकट आता है को आज दिन खत्म होने से पहले हमें पता चल जाएगा।

कश्मीर में लोकतंत्र खतरे में- आजाद

वहीं, कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने सोमवार को कहा कि कश्मीर में लोकतंत्र खतरे में है। शांति खतरे में है। यह लोकतंत्र की हत्या है। केंद्र सरकार साजिश कर रही है। सरकार कश्मीर में पर्यटन के सबसे बेहतर समय पर पर्यटकों को वापस बुला रही है।

‘वाजपेयी जी की कमी महसूस हो रही’

पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कश्मीर में ऐसी स्थिति होने पर कहा कि आज अटल बिहारी वाजपेयी की कमी महसूस हो रही है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘भाजपा होने के बाद भी वाजपेयी जी को हमेशा कश्मीरियों के प्रति सहानूभूति रही। उन्होंने कश्मीर की जनता का प्यार और विश्वास जीता।’’

उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग जम्मू-कश्मीर के मौजूदा हालात पर जश्न मना रहे हैं वह इस बात से अनजान हैं कि भारत सरकार द्वारा उठाए गए किसी भी कदम के दूरगामी नतीजे होंगे।

घाटी में धारा 144 लागू

सुरक्षा के नजरिए से संवेदनशील बने जम्मू-कश्मीर में रात 12 बजे धारा-144 लागू कर दी गई है। प्रशासन ने राज्य में रैलियों पर भी रोक लगा दी है। मोबाइल-इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी गई है। सोमवार को राज्य में सभी स्कूल-कॉलेज भी बंद रहेंगे।

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