श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर में केंद्र, राज्य सरकार और प्रशासन के आदेशों से संबंधित कई तरह की अफवाहें सोशल मीडिया पर फैल रही हैं। इस पर राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा- अफवाहों पर ध्यान न दें। राज्य में कोई छींक भी दे तो बम फटने की खबर बन जाती है। राज्य में सब ठीक है।
दरअसल, हाल ही में सोशल मीडिया पर पुलिस के एक आदेश की कॉपी वायरल हुई। इसमें दावा किया गया कि श्रीनगर की मस्जिदों की लिस्ट मांगी गई। यह भी कहा गया कि मोदी सरकार जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाली धारा 35ए को हटाने की तैयारी कर रही है।
राज्यपाल ने मंगलवार को कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर सरकार ने किसी प्रकार को कोई आदेश जारी नहीं किया है। अफवाहों पर ध्यान न दें। यहां लाल चौक पर आप छींकते हैं, तो राज्यपाल भवन तक वो खबर बन जाती है कि बम फटा है।’’
सरकार के सलाहकार विजय कुमार ने मस्जिदों की सूची तैयार करने के आदेश को अफवाह बताया था। उन्होंने कहा था कि क्या इन अफवाहों का कोई सोर्स है? मेरे लिए इस पर जवाब देना सही नहीं है।
एसएसपी श्रीनगर के आदेश की कॉपी वायरल हो रही
पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने रविवार को कहा था- 35ए के साथ छेड़छाड़ करना बारूद को हाथ लगाने जैसा होगा। इसके लिए जो हाथ उठेगा वो हाथ नहीं पूरा जिस्म जलकर राख हो जाएगा। कश्मीर की समस्या राजनीतिक है। यह मुद्दा सैन्य ताकत से नहीं सुलझाया जा सकता।
जम्मू-कश्मीर में फिलहाल राष्ट्रपति शासन लागू है। रिपोर्ट के मुताबिक- केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के कश्मीर दौरे के बाद राज्य में 10 हजार अतिरिक्त सुरक्षाबलों की 100 कंपनियां तैनात करने का फैसला लिया है।
सूत्रों की मानें तो 15 अगस्त से पहले श्रीनगर में 15, पुलवामा और सोपोर में 10-10, बाकी 10 जिलों में 5-5 कंपनियां तैनात होंगी। सरकारी सूत्र ने दावा किया कि राज्य में अनुच्छेद 35ए हटाने के बाद की स्थिति से निपटने के लिए जवान कश्मीर भेजे जा रहे हैं।
अनुच्छेद-35ए धारा 370 का एक हिस्सा है, जो कश्मीर के लोगों को विशेष अधिकार देता है। इस अनुच्छेद के तहत जम्मू-कश्मीर सरकार राज्य के नागरिकों को पूर्ण नागरिकता प्रदान करती है। राज्य के बाहर का कोई भी व्यक्ति यहां किसी प्रकार की संपत्ति नहीं खरीद सकता है। यहां की महिला से शादी के बाद उसकी संपत्ति पर अपना हक भी नहीं जमा सकता है। इस कानून को लेकर लंबे समय से विवाद है।
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