जाेबट-उदयगढ़ /आलीराजपुर. जोबट में दो दिनों में दो बच्चों सहित 8 लोगों को जख्मी करने वाला आदमखोर तेंदुआ पिजरे में कैद हो गया है। 14 जुलाई को टेरका और थांदला में तेंदुए ने दो ग्रामीणों पर हमला किया था, अगले ग्राम कोसदुना व देशनपुर में दो बच्चों सहित छह लोगों पर हमला कर घायल कर दिया था।
डीएफओ गोपाल कछावा ने बताया कि तेंदुए के हमले के बाद हम उसकी तलाश में जुटे हुए थे। जंगल में कई जगह पर कैमरे और पिंजरे लगाए थे। तेंदुआ कई बार कैमरे में तो कैद हुआ, लेकिन पिंजरे में नहीं आ रहा था। बुधवार तड़के वह जोबट के समीप जेमरी के जंगल में रखे पिंजरे में कैद हो गया। तेंदुए को जल्द ही कट्ठीवाड़ा के घने जंगलों में छोड़ दिया जाएगा। संभवत: तेंदुआ उसी आेर से इधर आया था।
14 जुलाई को ग्राम टेरका निवासी दशरिया पिता मोहन सिंह सुबह करीब 9 बजे खेत पर बने कुंए पर गया तो कुएं की पाल की आड़ में छिपे तेंदुए ने अचानक उस हमला कर दिया। दशरिया के मुंह और पीठ पर तेंदुए पंजे लगने से वह घायल हो गया। शोर मचाने पर अन्य ग्रामीण आ गए जिस पर तेंदुआ भाग कर समीप के गांव थांदला पहुंच गया। यहां आदिवासी ग्रामीण केन्दु पिता रामसिंह अपने खेत पर जा रहा था उस पर तेंदुए ने भागते भागते झपट्टा मारा जिससे उसका हाथ जख्मी हो गया। जबकि तेंदुए के पीछे-पीछे ग्रामीण भी उसको भगाने के लिए शोर शराबा करते हुए चल रहे थे। जिस पर तेंदुआ घबराकर सड़क किनारे झाड़ियों में छुप गया। कुछ देर बाद वह वहां से निकल कर भागने लगा तो ग्रामीणों ने मोबाइल से फोटो भी खींच लिए। तेंदुआ समीप के माडवगढ़ और पानगोला के जंगल में चला गया।
अगले दिन 15 जुलाई की सुबह तेंदुआ थानसिंह के घर के पास भिंडी के खेत में छिप कर बैठा था। जैसे ही उसकी 6 वर्षीय पुत्री सरिता भिंडी तोड़ने खेत में पहुंची तो उस पर तेंदुए ने हमला बोल दिया। बच्ची के शोर मचाने पर परिजन व अन्य लोग पहुंचे तो दो चरवाहे मंजुला तोमर (12) और बबलू तोमर (12) पर भी हमला किया। उसके बाद इसी ग्राम की सीमा पर लगे देसिंगपुर के नाले में तेंदुआ जा घुसा। वहां रामसिंह नाहला (45) व मेहबूब गमरिया (65) को घायल कर दिया। इसके बाद से ही एसडीओ चंद्रशेखर आजाद नगर के नेतृत्व में वन विभाग का अमला क्षेत्र में लगातार तेंदुए की खोजबीन मे लगा हुआ था।
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