रायपुर | प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत अब लगभग 50 एमएम मोटी सड़कें बनाई जाएंगी। गांवों में यातायात के बढ़ते दबाव आैर भारी वाहनों के कारण सड़कों को जल्दी खराब होने से बचाने के लिए पीएमजीएसवाय-3 में ऐसा किया जा रहा है। इसके तहत राज्य को 3 हजार किलोमीटर लंबी सड़क बनाने का लक्ष्य मिलने की उम्मीद है। इस योजना में अभी तक 20 एमएम मोटी सड़कें बनाई जाती थीं। पीएमजीएसवाय-3 पिछली दो योजनाआें से बिल्कुल अलग होगी। इसमें जहां सड़कों की मोटाई बढ़ाई गई है, वहीं इसके तहत अब पुल भी बनाए जा सकेंगे।
अभी तक पुल का निर्माण पीएमजीएसवाय के तहत नहीं किया जाता था, लेकिन गांवों से आ रही मांग के आधार पर तीसरी योजना में काफी बदलाव किए गए हैं। इस योजना के तहत इस बार ऐसी सड़कों का चिन्हांकन किया जा रहा है, जो लगभग दस साल पुरानी हैं आैर जिनका उपयोग सबसे ज्यादा होता है। इनमें ऐसी सड़कों को पहली प्राथमिकता में रखा जा रहा है जहां पर स्कूल, शॉपिंग काम्पलेक्स, बाजार, अस्पताल, होटल, मॉल आदि हैं आैर जहां पर भारी वाहनों के साथ लोगों की आवाजाही सबसे ज्यादा होती है। इसके लिए राज्य के ग्राम सड़क अभिकरण ने डिस्ट्रिक्ट रूरल रोड प्लान बना लिया है। साथ ही उनके द्वारा ऐसी सड़कों की लिस्ट भी तैयार की जा रही है। इनमें ऐसे एरिया की सड़कों को भी शामिल किया जाएगा, जो प्लेन एरिया में हैं आैर जनसंख्या 100 से 250 तक है। साथ ही जो फाॅरेस्ट, सफारी या अन्य किसी कारणों से छूटे हुए हैं।
पीएमजीएसवाय-2 में छत्तीसगढ़ पहले नंबर पर था : प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-2 में सड़कों के निर्माण में छत्तीसगढ़ ने देश में पहला स्थान हासिल किया था। प्रदेश को लगभग 2249 किलोमीटर सड़क निर्माण की मंजूरी मिली थी, जिसमें 90 फीसदी पूरा कर लिया गया है। योजना-2 में राज्यों के प्रदर्शन के आधार पर पीएमजीएसवाय योजना-3 के लिए राज्यों का चयन किया जाएगा।
पीएमजीएसवाय-2 में राज्य को पहला स्थान मिला था। इसलिए तीन में भी हमें ज्यादा टारगेट मिलने की उम्मीद है। नई योजना में सड़कों की मोटाई बढ़ाई जा रही है। इसके तहत अब पुल भी बनाए जाएंगे।
आलोक कटियार, सीईओ छत्तीसगढ़ ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण
ऐसी होगी योजना
मोटाई 50 एमएम - चौड़ाई 5.5 मीटर - पुलों की चौड़ाई 9.5 से 15 मी.
10 साल पुरानी सड़काें काे प्राथमिकता - 80 हजार करोड़ की देश मेें बनाई जाएंगी सड़कें
इन जिलों में होंेगे काम : इस प्लान के तहत रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, अंबिकापुर, रायगढ़, कांकेर, जगदलपुर आैर धमतरी में इसे पहले लागू किया जाएगा।
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