वाराणसी. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने शुक्रवार को यहां के एक अस्पताल में सोनभद्र हत्याकांड में जख्मी हुए लोगों से मुलाकात की। वे सड़क मार्ग से सोनभद्र रवाना हुईं, लेकिन पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों ने उनके काफिले को नारायणपुर (मिर्जापुर) में रोक दिया। इसके बाद प्रियंका सड़क पर धरने पर बैठ गईं। उन्होंने कहा कि मैं सिर्फ चार लोगों के साथ पीड़ित परिवारों से मिलना चाहती हूं। मुझे रोकने और गिरफ्तार करने के लिए पुलिस को ऊपर से फोन आया है।
इसके बाद अधिकारी प्रियंका गांधी और कुछ कांग्रेस नेताओं को सरकारी गाड़ी में बैठाकर गेस्ट हाउस ले गए। पुलिस के आला अफसरों ने कहा है कि प्रियंका को गिरफ्तार नहीं किया गया। कानून व्यवस्था को देखते हुए सोनभद्र में धारा 144 लागू है। यहां के घोरावल इलाके में 17 जुलाई को जमीन विवाद में 10 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस मुख्य आरोपी ग्राम प्रधान यज्ञदत्त भोर्तिया समेत 27 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।
प्रदेश में अपराधियों के हौसले बुलंद: प्रियंका
सोनभद्र जाते वक्त प्रियंका के काफिले को वाराणसी सीमा के भीतर उन्हें रोक लिया गया। इसके बाद वे वहीं धरने पर बैठ गईं। प्रियंका ने इससे पहले ट्रॉमा सेंटर से निकलते समय मीडिया से कहा कि उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था बहुत खराब है। अपराधियों के हौसले बुलंद हैं, लेकिन पूरा सरकारी अमला सो रहा है। उन्होंने यह सवाल भी किया कि क्या उत्तर प्रदेश ऐसे अपराधमुक्त बनेगा?
प्रियंका गांधी ने सीेएम योगी को पत्र लिखा था
इससे पहले गुरुवार को प्रियंका ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने लिखा था कि मैं राज्य के अपने दौरे के दौरान सुरक्षा इंतजाम की सराहना करती हूं। लेकिन इन सुरक्षा इंतजाम के कारण जनता को होने वाली परेशानी से दुखी हूं। जनता का सेवक होने के नाते मेरे कारण किसी को परेशानी नहीं होनी चाहिए। ऐसे में प्रदेश में यात्रा के दौरान सुरक्षा का दायरा कम से कम रखा जाए, ताकि लोगों को असुविधा का सामना न करना पड़े।
Comment Now