सत्यवीर सिंह कुशवाह। बिलासपुर. जीवीके कंपनी द्वारा राज्य में संचालित की जा रही 108 व 102 एम्बुलेंस के आपातकालीन चिकित्सा टेक्नीशियन (ईएमटी) को अब वाहन चलाना आने के साथ ही ड्राइविंग लाइसेंस लेना जरूरी कर दिया गया है। सभी ईएमटी को ड्राइविंग लाइसेंस के लिए तत्काल परिवहन अधिकारी को आवेदन करना होगा और 31 जुलाई तक हर हाल में ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करना होगा। इसके लिए 8 जुलाई को एक सर्कुलर जीवीके कंपनी के मानव संसाधन विभाग द्वारा जारी किया गया है।
सर्कुलर जारी होने के बाद कंपनी के ईमटी में असमंजस की स्थिति बन गई है। अधिकांश का कहना है कि हम घायल मरीज का इलाज करेंगे कि वाहन चलाएंगे। जीवीके कंपनी ने सर्कुलर में लिखा है, पिछले कुछ समय में यह देखा गया है कि ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न हुईं जिससे यह महसूस किया गया कि अगर ईएमटी भी वाहन चलाना जानते तो जो आपात परिस्थितियों में अच्छे से निपटा जा सकता था। लेकिन यह संभव नहीं हो सका क्योंकि अधिकांश ईएमटी के पास वैध कमर्शियल वाहन लाइसेंस नहीं था। आपातकालीन स्थिति में मरीज की जान बचाने में सहयोग कर सकें।
जीवीके कंपनी के एक अनुमान के मुताबिक उनके यहां कार्यरत 80 प्रतिशत ईएमटी के पास लाइसेंस हैं। बस उन्हें अपने लाइसेंस को कमर्शियल लाइसेंस में बदलवाना है। जिन 20 प्रतिशत के पास वाहन चलाने का लाइसेंस नहीं है उन्हें 31 जुलाई तक का समय दिया गया है। जो ईएमटी लाइसेंस के लिए आवेदन देंगे उन्हें इसकी पावती भी अनिवार्य रूप से ईएमई को देनी होगी।
जीवीके कंपनी की बात करें तो राज्यभर में 2800 से ज्यादा कर्मचारी यहां कार्यरत हैं। जो 102 की 379 एम्बुलेंस तथा 108 की 330 एम्बुलेंस काे चलाने का काम कर रहे हैं। बिलासपुर में लगभग 190 कर्मचारियों का स्टाफ है जो 108 की 17 तथा 102 की 25 एम्बुलेंस चला रहे हैं। 108 में औसतन 4 मामले तथा 102 एम्बुलेंस में 6 मामले रोज आते हैं।
ईएमटी के लिए यह सर्कुलर इसलिए जारी किया गया है जिससे उनके पास एक्सट्रा एक्टीविटी होगी। किसी भी आपातकालीन स्थिति में वह स्वयं ही वाहन चलाकर मरीज को अस्पताल तक ले जा सकेंगे जिससे उसकी जान बचाई जा सके। वैसे भी हमारे 80 प्रतिशत ईएमटी के पास ड्राइविंग लाइसेंस हैं।
अमरेन्द्र सिंह, जोनल हेड जीवीके
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