Monday, 9th June 2025

मप्र / विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान भारी हंगामा, ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली मुद्दे पर उलझे उर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह

Thu, Jul 11, 2019 8:56 PM

 

  • भाजपा विधायक ने पूछा क्या सरकार वचनपत्र के अनुरूप ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली मुहैया करा पा रही है
  • ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह ने कहा कि इस मामले में परीक्षण कराया जा रहा है, सरकार वचन निभाने संकल्पित है

 

भोपाल। विधानसभा में गुरुवार को ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह बिजली मुद्दे पर खुद उलझ गए। दरअसल, भाजपा विधायकों ने ग्रामीण क्षेत्रों में थ्री फेस बिजली मुहैया कराने के मामले में सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए आरोप लगाया कि वह वचनपत्र के अनुरूप बिजली मुहैया नहीं करा पा रही है।

सदन में प्रश्नकाल के दौरान भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बिजली का मामला उठाते हुए जानना चाहा कि क्या सरकार वचनपत्र के अनुरूप ग्रामीण क्षेत्रों में सिंचाई के लिए बिजली मुहैया करा पा रही है। ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह ने कहा कि इस मामले में परीक्षण कराया जा रहा है और प्रयोग के तौर पर पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी बालाघाट में 10 घंटे थ्री फेस बिजली मुहैया करा रही है। इसके अलावा मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी हरदा और होशंगाबाद जिलों में इस तरह का प्रयोग कर रही है। 

भाजपा विधायक भूपेंद्र सिंह ने उर्जा मंत्री की बात का ही जिक्र करते हुए कहा कि सरकार ने वचनपत्र में 12 घंटे बिजली मुहैया कराने की बात कही है, छह माह में भी इस पर अमल नहीं हो पाया है। बजट में भी सरकार ने दस घंटे बिजली मुहैया कराने की बात कही है। 

इस पर उर्जा मंत्री ने कहा कि सरकार वचनपत्र के अनुरूप बिजली मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है। इस संबंध में पहले भी कदम उठाए गए हैं और शीघ्र ही निर्णय लिया जाएगा। इस पर भाजपा के अनेक सदस्य एक साथ बोलने लगे। जिसका सत्तारुढ़ दल कांग्रेस के सदस्यों ने भी जवाब दिया और वे भी जोर-जोर से बोलने लगे। इस दौरान दोनों ओर के सदस्यों के बीच नोंकझोंक भी देखने को मिली। वित्त मंत्री तरुण भनोत ने भी कुछ कहा।

भाजपा सदस्यों की आपत्ति पर अध्यक्ष ने कहा कि वरिष्ठ सदस्यों को हस्तक्षेप करने से बचना चाहिए। इस बीच ऊर्जा मंत्री ने कहा कि पूर्व सरकार की नीतियों के कारण बिजली विभाग की खस्ताहाल विरासत में मिली है। पंद्रहवें वित्त आयोग ने भी कहा है कि पारेषण एवं वितरण हानियां 36 प्रतिशत हैं, जो काफी ज्यादा हैं। इन सबको सुधारने का कार्य सरकार कर रही है। इस बात को लेकर फिर दोनों पक्षों में तीखी नोंकझोंक हुयी। 

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