श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने अमरनाथ यात्रियों के लिए की गई सुरक्षा व्यवस्था को कश्मीरियों के लिए परेशानी बताया। महबूबा ने कहा, ‘‘अमरनाथ यात्रा के लिए पिछले कई सालों से यहां की जमीन इस्तेमाल की जा रही, लेकिन दुर्भाग्य है कि इस बार व्यवस्थाएं स्थानीय लोगों के खिलाफ हैं।’’ अमरनाथ यात्रा एक जुलाई से शुरू हुई और 15 अगस्त तक चलेगी।
महबूबा ने कहा कि राज्यपाल सत्यपाल मलिक से अनुरोध करती हूं कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था से सामने आ रही दिक्कतों पर संज्ञान लें और लोगों को राहत दें। हम अमरनाथ यात्रा के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन इससे किसी को परेशानी नहीं होनी चाहिए।
सरकार हुर्रियत नेताओं से बातचीत करे: महबूबा
रविवार को महबूबा ने केंद्र सरकार को नसीहत देते हुए हुर्रियत नेताओं से बातचीत का समर्थन किया। उन्होंने कहा, 'हुर्रियत नेताओं ने कहा है कि संगठन बातचीत के लिए तैयार है। ऐसे में सरकार को इस मौके का फायदा उठाना चाहिए और बातचीत शुरू करनी चाहिए।'
यात्रा के दौरान ऐसी व्यवस्थाएं
श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी उमंग नरूला के मुताबिक, यात्रा मार्ग पर कुछ जगहों पर फायर फाइटिंग टीम, एक्सरे बैगेज स्कैनिंग यूनिट्स और 27 रेस्क्यू टीम भी तैनात की गई हैं। नीलगढ़, पांजतारनी और पहलगाम में हेलिपैड बनाए गए हैं। रास्ते में बारकोड प्वाइंट्स और दूरसंचार के भी इंतजाम हैं। पुलिस की 11 माउंटेन रेस्क्यू टीम महिलाओं और बीमार यात्रियों की मदद कर रही हैं। 12 एवलॉन्च रेस्क्यू टीम भी तैनात हैं।
आतंक के खिलाफ अभियान अंतिम दौर में
कुछ दिन पहले केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा था, ‘‘जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के खिलाफ अभियान अंतिम दौर में है। राज्य में आतंकवाद खात्मे की कगार पर है। उम्मीद है कि अगले साल 2020 में अमरनाथ यात्रा के लिए किसी प्रकार की सुरक्षा व्यवस्था की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।’’
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