Wednesday, 16th July 2025

रथ यात्रा / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और रमन सिंह ने एक साथ की भगवान जगन्नाथ की आरती

Thu, Jul 4, 2019 9:33 PM

 

  • गायत्री नगर स्थित मंदिर से निकल रही यात्रा के दौरान सीएम  व पूर्व सीएम ने की छेरापहरा की रस्म
  • विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने भगवान की मूर्ति को सिर पर रखकर मंदिर से रथ तक पहुंचाया

Dainik Bhaskar

Jul 04, 2019, 03:15 PM IST

रायपुर. ओडिशा के पुरी की तरह ही छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा की शुरुआत गुरुवार दोपहर से  हो गई है। 9 दिनों तक चलने वाली यात्रा के लिए भगवान जगन्नाथ भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ 15 दिनों के एकांतवास के बाद बाहर निकले। रथयात्रा निकलने से पहले राजधानी के गायत्री नगर स्थित जगन्नाथ मंदिर में भगवान की विधिवत आराधना की गई। इस दौरान सीएम भूपेश बघेल और पूर्व सीएम रमन सिंह एक साथ भगवान जगन्नाथ की आरती की और रथयात्रा में शामिल हुए।

गायत्री नगर... सिर्फ यहीं सोने की झाड़ू से बुहारते हैं रास्ता 

  1. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और रमन सिंह ने की छेरापहरा की रस्म

    इसके बाद भगवान की रथ यात्रा का शुभारंभ हो गया। पूर्व सीएम रमन सिंह के साथ विधायक बृजमोहन अग्रवाल, धरमलाल कौशिक भी मौजूद हैं। मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री ने छेरापहरा (सोने की झाड़ू लगाना) की रस्म भी एक साथ निभाई। रमन सिंह अपनी पत्नी के साथ पूजन में शामिल होने के लिए पहुंचे थे। फिर भगवान की मुर्तियों को रथ पर ले जाया गया। विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने भगवान की मूर्ति को सिर पर रखकर रथ तक पहुंचाया। इस दौरान श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। यात्रा विभिन्न रास्तों से होते हुए बीटीआई ग्राउंड पहुंचेगी। 

     

  2. विधायक बृजमोह ने भगवान की मृर्ति को सिर पर रखकर रथ तक पहुंचाया।

    रथ यात्रा के लिए विशाल रथ तैयार किए जा चुके हैं। सबसे पहले रथ में भगवान जगन्नाथ, दूसरे में बहन सुभद्रा और अंतिम रथ में भाई बलभद्र विराजते हैं। गायत्री नगर में जगन्नाथ मंदर की स्थापना साल 2003 में की गई थी। इस मंदिर का निर्माण हूबहू पुरी मंदिर की तर्ज पर किया गया है। खास बात यह है कि मंदिर के सारे नियम-कायदे पुरी की तरह ही हैं। रथयात्रा निकलने से पहले सोने की झाड़ू से भगवान का रास्ता साफ किया जाता है। प्रदेश में सिर्फ इसी मंदिर में ऐसा किया जाता है। यह परंपरा भी पुरी की है। 

     

  3. इन मंदिरों से भी निकलेगी भगवान की रथ यात्रा, होंगे विविध आयोजन

     

    टूरी हटरी... साढ़े 500 साल पहले पुरी से लाई थी प्रतिमा 
    टूरी हटरी स्थित जगन्नाथ मंदिर की स्थापना साढ़े पांच सौ साल पहले की गई थी। पुरी में हर 12 साल में भगवान का कलेवर बदला जाता है। 500 साल पहले भी भगवान की प्रतिमा बदली गई थी तब दूधाधारी मठ के तात्कालीन महंत ने पुरी की उस प्रतिमा को टूरीहटरी में लाकर स्थापित किया था। प्रतिमा महालीम लकड़ी से बनाई गई है। यह बहुत वजनी है। यहां से दोपहर 2 बजे रथ यात्रा प्रारंभ होकर लोहार चौक, कंकलीपारा, आजाद चौक, आमापारा, लाखेनगर चौक से टिल्लू चौक होते हुए जनकपुरी पहुंचेगी। 

     

  4.  

    सदरबाजार... भ्रमण के लिए इस बार तैयार करवाया अनोखा रथ 
    सदरबाजार स्थित जगन्नाथ मंदिर लगभग डेढ़ सौ साल पुराना है। खुद पुरी नरेश ने रायपुर पहुंचकर इस मंदिर में जगन्नाथ महाप्रभु की प्रतिमा स्थापित की थी। शहर का पुज ारी परिवार पिछली आठ पीढ़ी से यहां अपनी सेवाएं दे रहा है। सर्वराकार ओमप्रकाश पुजारी बताते हैं कि इस बार भगवान के शहर भ्रमण के लिए अनोखा रथ तैयार करवाया गया है। भगवान की यात्रा अपराह्न 4 बजे से सिटी कोतवाली से निकलकर कालीबाड़ी चौक, पुलिस लाइन होते हुए जलविहार मार्ग स्थित दीपक हाउस में समाप्त होगी। 

     

  5. जगन्नाथ सेवा समिति 

     

    समिति इस मौके पर अश्विनी नगर स्थित जगन्नाथ मंदिर से रथयात्रा निकालेगी। समिति के अध्यक्ष प्रमोद नाथ, सरोज दास और दिलीप नाथ ने बताया कि दोपहर 3 बजे जगन्नाथ महाप्रभु की यात्रा निकलेगी। कार्यक्रम में शामिल होने मंत्री टीएस सिंहदेव, महापौर प्रमोद दुबे, विधायक बृजमोहन अग्रवाल, विधायक विकास उपाध्याय आदि को न्योता दिया गया है। 

     

  6. भक्तों में बांटेंगे गजा मूंग 

     

    उत्कल विकास मंच मधुसूदन दास चौक पर भक्तों में गजा मूंग महाप्रसाद का वितरण करेगा। संस्था के अध्यक्ष दानीराम नायक और महामंत्री गोपाल बाघ ने बताया कि प्रियदर्शनी जगन्नाथ मंदिर की रथयात्रा, बाबू जगजीवन राम वार्ड टिकरापारा समेत आसपास के इलाकों से निकली जितनी रथयात्रा यहां से गुजरेगी, संस्था उसका स्वागत करेगी।

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