Monday, 9th June 2025

विधायक बैट कांड / मोदी ने आकाश विजयवर्गीय का नाम लिए बगैर कहा- किसी का भी बेटा हो, मनमानी नहीं चलेगी

Tue, Jul 2, 2019 8:31 PM

 

  • आकाश ने 26 जून को इंदौर नगर निगम के एक अफसर को बैट से पीटा था
  • 11 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेजे गए थे, 29 जून को भोपाल कोर्ट से जमानत मिली, 30 को जेल से रिहा हुए
  • आकाश भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे हैं, 2018 में बार पहली बार विधायक बने

 

नई दिल्ली. मध्यप्रदेश के भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय द्वारा नगर निगम कर्मचारी को बैट से पीटने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नाराजगी जताई है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, मंगलवार को भाजपा संसदीय दल की बैठक में मोदी ने कहा, ‘‘मुझे इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि इस घटना के पीछे किसका बेटा है। किसी भी तरह का दुर्व्यवहार और घमंड बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मनमानी नहीं चलेगी। जिन लोगों ने उसे (आकाश को) प्रोत्साहित किया, उन्हें भी पार्टी से निकाला जाना चाहिए।’’ आकाश को 29 जून की शाम को जमानत मिली थी। 

भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी के मुताबिक, ‘‘प्रधानमंत्री ने कहा कि कोई भी इस तरह के गलत काम करता है तो उस पर कार्रवाई होनी चाहिए। यह बात सब पर लागू होती है। गलत बर्ताव से पार्टी की छवि खराब होती है।’’

‘दोबारा बल्लेबाजी करने का अवसर न मिले’
रविवार को जमानत पर रिहा होने के बाद आकाश ने कहा था, ‘‘मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि मुझे दोबारा बल्लेबाजी करने का अवसर न दे। अब गांधीजी के दिखाए रास्ते पर चलने की कोशिश करूंगा। जब पुलिस के सामने ही एक महिला को खींचा गया, मुझे उस समय कुछ और करने की बात समझ में नहीं आई। मैंने जो भी किया, मुझे उसका अफसोस नहीं।’’

समर्थकों ने 5 हवाई फायर किए

जमानत की जानकारी मिलने के बाद शनिवार शाम उनके समर्थकों ने खुशी में हवाई फायर किए। एक के बाद एक पांच गोलियां चलाईं। गोलियों की आवाज से क्षेत्र में सनसनी फैल गई। इस मामले से पुलिस पूरी तरह से अनजान बनी रही। बाद में संयोगितागंज थाने में केस दर्ज कर किया गया। 

26 जून से इंदौर जेल में बंद थे आकाश
अफसर से मारपीट के केस में आकाश को 26 जून को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने उन्हें 11 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में इंदौर जेल भेज दिया था। इसके अगले दिन उन्होंने सत्र न्यायालय में जमानत के लिए अर्जी लगाई थी। यहां से केस एससी/एसटी कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया। गुरुवार को एससी/एसटी कोर्ट ने अर्जी खारिज कर दी थी। इसके बाद आकाश के वकील ने भोपाल कोर्ट में याचिका दाखिल की।

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