भाेपाल | दक्षिण पश्चिम मानसून पूर्वी मप्र के मुहाने पर पहुंच चुका है। इसकी नार्दर्न लिमिट यानी उत्तरी सीमा जबलपुर, मंडला, शहडा़ेल संभाग की सीमा के नजदीक पहुंच चुकी है। इन इलाकों में शनिवार को बारिश शुरू हो गई है। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, होशंगाबाद, रीवा में भी मौसम में बदलाव नजर आया। यहां भी कहीं तेज तो कहीं हल्की बारिश हुई है। भाेपाल में 27 या 28 जून को मानसून आने की संभावना है। निजी मौसम एजेंसी स्काईमेट ने भी शुभ संकेत दिए हैं। उसके अनुसार अगले 24 से 48 घंटे में मानसून मध्यप्रदेश के दक्षिण-पूर्व क्षेत्र में सक्रिय हो जाएगा। एजेंसी के मुताबिक फिलहाल मध्यप्रदेश में हवा का जो पैटर्न है, उसकी वजह से आने वाले दो दिनों में पारा और नीचे जाएगा, जिससे लोगों को गर्मी से राहत मिलेगी।
ये चार मौसमी सिस्टम भी कर रहे सपोर्ट
1 अाेडिशा एवं उससे लगे झारखंड व उत्तरी छत्तीसगढ़ के आस-पास कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है।
2 इस कम दबाव क्षेत्र के ऊपर हवा का चक्रवात बना हुआ है, जो 5.8 किलोमीटर की ऊंचाई तक स्थित है।
3 समुद्र सतह से ऊपर एक ट्रफ लाइन राजस्थान से बंगाल की खाड़ी तक जा रही है। यह मप्र से होकर गुजर रही है।
4 मप्र के मध्य भाग में हवा के ऊपरी भाग में 0.9 किमी ऊंचाई पर हवा का चक्रवाती घेरा बना हुआ है।समझें, क्या है नार्दर्न लिमिट
मानसून देश के दक्षिणी हिस्से : यानी हिंद महासागर और अरब सागर से बंगाल की खाड़ी की अाेर अाता है। इसकी सीमा दक्षिण से उत्तर की अाेर जाती है। इसीलिए मौसम विज्ञान के लिहाज से उत्तरी सीमा कहते हैं। यह जहां से गुजरती है वहां मानसून का पहुंचना तय करती जाती है।
तमिलनाडु में पानी के लिए यज्ञ : चेन्नई. भीषण जल संकट से जूझ रहे तमिलनाडु में राज्य सरकार ने बारिश के लिए शनिवार काे यज्ञ कराया। एअाईएडीएमके नेता अाैर मत्स्यपालन मंत्री डी. जयकुमार शिव मंिदर में बारिश के लिए अायाेजित पूजा अाैर यज्ञ में शामिल हुए।
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