रायपुर। छत्तीसगढ़ के भाजपा सांसदों को इस बार भी अटल सरकार के मंत्रिमंडल जैसी उम्मीद थे, लेकिन भारी भरकम बहुमत के आगे प्रदेश के कोटे में सिर्फ एक मंत्री पद ही आ पाया। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में डॉ रमन सिंह, दिलीप सिंह जूदेव और रमेश बैस को केंद्रीय राज्यमंत्री बनाया गया था।
राज्य गठन के बाद पहले विधानसभा चुनाव में डॉ. रमन ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा देकर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष की कमान संभाली और पार्टी को सत्ता दिलाई। प्रदेश में भाजपा की सरकार आने के बाद केंद्र में भाजपा की सरकार चली गई और दस साल तक यूपीए की सरकार रही। केंद्र की सत्ता जाने के कारण प्रदेश से दस-दस सांसद देने के बाद भी निराशा ही हाथ लगी।
भाजपा के आला नेताओं की मानें तो इस बार दो सांसदों को मंत्रिमंडल में शामिल करने की उम्मीद थी, लेकिन आखिरी समय तक मंथन के बाद प्रदेश के कोटे में एक ही मंत्री पद आया। आदिवासी बाहुल छत्तीसगढ़ में आदिवासी कोटे से मंत्री बनाने का फैसला किया गया।
इसमें रेणुका सिंह फिट बैठीं और उनको मोदी सरकार में जगह मिल गई। भाजपा नेताओं को उम्मीद थी कि राष्ट्रीय महामंत्री सरोज पांडेय को भी एडजेस्ट किया जाएगा, लेकिन जातिगत समीकरण में फिट नहीं बैठीं। बताया जा रहा है कि सरोज पांडेय और रामविचार नेताम से रेणुका सिंह के नाम पर फीडबैक लिया गया। दोनों की तरफ से पॉजिटिव संकेत मिलने के बाद आलाकमान ने रेणुका के नाम पर मुहर लगाई।
यूपीए के दूसरे कार्यकाल में महंत बने थे मंत्री
छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद 2004 के लोकसभा चुनाव में यूपीए सरकार बनी थी। लेकिन प्रदेश से सिर्फ अजीत जोगी ही लोकसभा पहुंच पाए थे। इस चुनाव में अजीत जोगी की कार दुर्घटना हो गई थी, जिसके कारण प्रदेश के किसी भी सांसद को मनमोहन सरकार में जगह नहीं मिल पाई। वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के एकमात्र सांसद डॉ चरणदास महंत चुने गये। इनको यूपीए के दूसरे कार्यकाल में खाद्य प्रसंस्करण राज्यमंत्री बनाया गया।
छत्तीसगढ़ को अब तक राज्यमंत्री से करना पड़ा संतोष
छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद अब तक केंद्रीय मंत्रिमंडल में राज्यमंत्री के पद पर संतोष करना पड़ा था। रिश्वत कांड में फंसने के कारण दिलीप सिंह जूदेव ने भी अटल मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। पिछली मोदी सरकार में दस सांसदों के जीतने के बाद उम्मीद की जा रही थी कि एक सांसद को केंद्रीय मंत्री पद से नवाजा जाएगा, लेकिन मौका चूक गया। वरिष्ठ सांसद रमेश बैस तक को मोदी सरकार में जगह नहीं मिल पाई थी।
छत्तीसगढ़ गठन के बाद अब तक बने मंत्री
भाजपा- डॉ रमन सिंह, रमेश बैस, दिलीप सिंह जूदेव और विष्णुदेव साय, कांग्रेस- डॉ चरणदास महंत।
Comment Now