Monday, 9th June 2025

मंत्रिमंडल / कैबिनेट में जयशंकर सबसे चौंकाने वाला नाम, साइकिल से चलने वाले ओडिशा के मोदी को भी जगह

Fri, May 31, 2019 2:53 PM

 

  • राजस्थान से पूर्व केन्द्रीय मंत्री जसवंत सिंह के बेटे मानवेन्द्र को हराने वाले कैलाश चौधरी को मौका
  • बंगाल से पूर्व केंद्रीय मंत्री अहलूवालिया और भाजपा अध्यक्ष घोष के नाम की चर्चा थी, लेकिन देबश्री चौधरी मंत्रिमंडल में शामिल

नई दिल्ली. मोदी सरकार-2 में सबसे ज्यादा चौंकाने वाला नाम एस जयशंकर का है। वे 2015 से 2018 तक विदेश सचिव रह चुके हैं। दूसरा सबसे चौंकाने वाला नाम ओडिशा के बालासोर से सांसद प्रताप चंद्र सारंगी का है। सारंगी अपनी सादगी के लिए जाने जाते हैं। प.बंगाल से देबश्री चौधरी, छत्तीसगढ़ से रेणुका सिंह सरुता, तेलंगाना से जी किशन रेड्डी और केरल से वी मुरलीधरन को भी जगह दी गई। पं. बंगाल, छत्तीसगढ़, राजस्थान में बड़े नामों को दरकिनार कर इन चेहरों को शामिल किया गया है।

एस जयशंकर: 1977 बैच के आईएफएस अफसर हैं। चीन से रिश्ते सुधारने और अमेरिका से संबंध मजबूत करने में इनकी अहम भूमिका मानी जाती है। चीन के साथ जब डोकलाम विवाद हुआ तब इसे सुलझाने में भी जयशंकर ने भूमिका निभाई। 2012 में गुजरात के मुख्यमंत्री रहते मोदी जब चीन गए थे, तब पहली बार जयशंकर से मुलाकात हुई थी और इसी दौरान मोदी उनसे प्रभावित हो गए। जयशंकर अमेरिका, चीन समेत आसियान के विभिन्न देशों के साथ कई कूटनीतिक बातचीत का हिस्सा रह चुके हैं।

प्रताप चंद्र सारंगी: बालासोर से सांसद प्रताप चंद्र सारंगी को मोदी सरकार में राज्यमंत्री बनाया गया। चुनाव जीतने के बाद से ही सारंगी चर्चा में हैं। उन्हें ओडिशा का मोदी भी कहा जाता है। साइकिल से चलने वाले और कच्चे घर में रहने वाले सारंगी नीलगिरी विधानसभा से 2004 और 2009 में विधायक रह चुके हैं। उन्होेंने 2014 में भी लोकसभा चुनाव लड़ा था। हालांकि, वे हार गए थे।

कैलाश चौधरी: राज्यवर्धन सिंह, दीया कुमारी, हनुमान बेनिवाल को पीछे छोड़कर मंत्री बने कैलाश चौधरी राजस्थान के बाड़मेर से सांसद हैं। उन्होंने यहां से भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री जसवंत सिंह के पुत्र मानवेन्द्र सिंह को हराया। हालांकि, कैलाश 5 महीने पहले विधानसभा चुनाव हार गए थे।

देबश्री चौधरी: माना जा रहा था कि बंगाल से पूर्व केंद्रीय मंत्री एसएस अहलूवालिया या दिलीप घोष को मंत्री बनाया जा सकता है। लेकिन इन नेताओं की बजाय देबश्री चौधरी को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया। चौधरी बंगाल के रायगंज से चुनाव जीतकर पहली बार सांसद बनीं। वे बंगाल में भाजपा की महासचिव हैं। इससे पहले 2014 में उन्होंने बर्धमान-दुर्गापुर सीट से चुनाव लड़ा था और हार गईं।

जी किशन रेड्डी: तेलंगाना के सिकंदराबाद से जीतकर सांसद पहुंचे हैं। रेड्डी तेलंगाना में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके हैं। 5 महीने पहले विधानसभा चुनाव में मिली हार के बावजूद भाजपा ने यहां लोकसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन किया। पार्टी ने चार सीटों पर जीत हासिल की। 

वी मुरलीधरन: लोकसभा चुनाव में अकेले दम पर बहुमत हासिल करने वाली भाजपा भले ही केरल से एक भी सीट नहीं जीत पाई हो। लेकिन यहां से वरिष्ठ नेता वी मुरलीधरन को मंत्रिमंडल में जगह मिली है। मुरलीधरन महाराष्ट्र से राज्यसभा सांसद हैं। मुरलीधरन एबीवीपी से जुड़े रहे हैं। वे केरल के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं।

रेणुका सिंह सरुता: छत्तीसगढ़ के सरगुजा से सांसद बनीं रेणुका सिंह को मोदी मंत्रिमंडल में जगह मिली है। वे पहली बार सांसद बनी हैं। रेणुका तेज तर्रार छवि वाली आदिवासी चेहरा मानी जाती हैं। अनुसूचित जनजाति मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और प्रदेश कार्यसमिति की सदस्य हैं। इससे पहले यहां से राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम और सरोज पांडेय के नाम को लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं।  

Comments 0

Comment Now


Videos Gallery

Poll of the day

जातीय आरक्षण को समाप्त करके केवल 'असमर्थता' को आरक्षण का आधार बनाना चाहिए ?

83 %
14 %
3 %

Photo Gallery