Monday, 9th June 2025

साजिश / भारत में लश्कर खुफिया एजेंसियों की वजह से नाकाम, श्रीलंका, बांग्लादेश और मालदीव में खतरनाक मंसूबे

Thu, May 9, 2019 4:34 PM

 

  • मुंबई में 26/11 को हुए हमले का साजिशकर्ता मुजम्मिल बट कमान संभाल रहा
  • न्यूज एजेंसी का दावा- 3 अफ्रीकी देशों में हमलों की ट्रेनिंग दी जाती है

नई दिल्ली. श्रीलंका में 21 अप्रैल को ईस्टर पर हुए हमलों के सभी दोषियों की पहचान हो चुकी है। न्यूज एजेंसी ने हमलों की साजिश और इसकी तह तक जाने की कोशिश की है। कई चौंकाने वाली बातें सामने आईं। इस रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान में मौजूद हाफिज सईद का आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा भारत के अलावा श्रीलंका, बांग्लादेश, मालदीव और मलेशिया में हमलों की साजिश रच रहा है। भारत में तीन स्तरीय खुफिया नेटवर्क और सुरक्षा एजेंसियों के बेहतर समन्वय की वजह से लश्कर की साजिश कामयाब नहीं हो पाई।

आईएस आतंकी ने दी थी श्रीलंका पर हमले की सूचना
श्रीलंका में हुए हमलों में 253 लोगों की मौत हुई। जांच के दौरान नेशनल तौहीद जमात (एनटीजे) का नाम सामने आया। इन हमलों के कुछ महीने पहले एनआईए ने तमिलनाडु में आईएसआईएस के एक आतंकी को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में उसने श्रीलंका में हमलों की साजिश की जानकारी दी थी। भारत ने श्रीलंका सरकार को पुख्ता सबूत दिए। ये भी बताया कि निशाना चर्च होंगे। लेकिन, बदकिस्मती से इन हमलों को टाला नहीं जा सका। हमले के लिए एनटीजे और जहरान हाशमी को मुख्यतौर पर जिम्मेदार माना गया। इनके नाम तक श्रीलंकाई सरकार के पास थे।

श्रीलंका में 14 साल से साजिश
श्रीलंका में 2004 की सुनामी के बाद से ही लश्कर ने यहां पैर पसारने शुरू कर दिए थे। अब यह देश आतंकी गतिविधियों का केंद्र बन चुका है। इसके साथ ही लश्कर ने बांग्लादेश, मालदीव और मलेशिया तक नेटवर्क फैला दिया है। यह एक तरह से भारत को घेरने की बड़ी साजिश है। जानकार आईएसआई और लश्कर को एक ही सिक्के के दो पहलू बता रहे हैं। श्रीलंका में ‘इदारा खिदमत-ए-खल्क’ यानी आईकेके भी एनटीजे के लिए ही काम कर रहा है। भारत ने तमिलनाडु और केरल में एनटीजे पर पैनी नजर रखी है।

यमन, माली और चाड में ट्रेनिंग
सीरिया और इराक में मालदीव के करीब 250 युवाओं ने आईएस के लिए जंग में हिस्सा लिया। रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश, श्रीलंका और मालदीव के मुस्लिम युवाओं को अफ्रीकी देशों जैसे यमन, माली और चाड में आईएस ने ट्रेनिंग दी। ये सभी गृहयुद्ध या अशांति वाले देश हैं। ‘डिप्लोमैट’ पत्रिका ने 2015 में एक रिपोर्ट में बताया था कि सीरिया और इराक में आईएस के लिए लड़ रहे 393 युवाओं में ज्यादातर मलेशिया, पाकिस्तान, भारत और मालदीव से हैं।

26/11 से जुड़ा आतंकी मुजम्मिल सूत्रधार
मुंबई हमलों के साजिशकर्ताओं में एक प्रमुख नाम लश्कर आतंकी मुज्जमिल बट है। अमेरिका में इसके खिलाफ चार्जशीट भी दायर की गई थी। वह सियालकोट में रहता है। दो बार श्रीलंका गया है। मुंबई में 26/11 को हुए हमले के साजिशकर्ता डेविड हेडली ने साजिद माजिद, अबू काफा, अबू अलामा के साथ ही मुज्जमिल का भी नाम लिया था। 2000 में कश्मीर के छित्तीसिंहपुरा में हुए नरसंहार के अलावा वह अक्षरधाम हमले में भी शामिल था।

दक्षिण भारत पर नजर
दक्षिण भारत में कर्नाटक के रियाज भटकल और इकबाल भटकल का नाम कुख्यात है। यहां सिमी और इंडियन मुजाहिदीन के गहरे तार हैं। खुफिया एजेंसियों की नजर यहां ज्यादा रहती है। आमतौर पर कहा जाता है कि आतंकी नेटवर्क उत्तर भारत से पैर पसारते रहे हैं। लेकिन, सच्चाई ये है कि महाराष्ट्र और दक्षिण भारत के राज्यों में इनका नेटवर्क ज्यादा है।

भारत में रॉ की वजह से नाकाम हुआ लश्कर
रिपोर्ट में कहा गया है कि दूसरे देशों में काम करने वाली हमारी खुफिया एजेंसी रॉ बांग्लादेश और श्रीलंका में खास तौर पर सक्रिय है। श्रीलंका में लश्कर के एजेंट के तौर पर काम करने वाले पाकिस्तानी उच्चायोग के अफसर आमिर जुबेर सिद्दीकी और जाकिर हुसैन पर रॉ ने पैनी नजर रखी। वह तमिल मुस्लिम युवाओं को भड़काता रहा। रॉ ने इसकी जानकारी दी तो इसे श्रीलंका से साझा किया गया। चेन्नई में यूएस कॉन्स्युलेट, बेंगलुरु में इजराइली कॉन्स्युलेट और विशाखापट्टनम में नेवी ऑफिस पर हमले की साजिश को नाकाम किया गया।

भारत में 3डी का प्रयोग
भारत में आतंकवाद से निपटने के लिए नई रणनीति अमल में लाई गई। रॉ ने विदेश से सूचनाएं जुटाईं। आईबी ने देश में काम किया, एनटीआरओ ने डाटा और बाकी काम किया। इसके बाद राज्य पुलिस, सीआईडी और क्राइम ब्रांच के साथ ही एनआईए ने मोर्चा संभाला। 26/11 के बाद रणनीति साफ रखी गई। पहचान करो, प्रभावहीन करो और फिर खत्म कर दो।

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