नई दिल्ली. दुनिया के तीसरे सबसे अमीर व्यक्ति और बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन वॉरेन बफे ने पिछले शनिवार कंपनी की एजीएम में संकेत दिए कि भारतीय मूल के अजित जैन उनके उत्तराधिकारी हो सकते हैं। बफे ने कहा कि ग्रेगरी एबल और अजित जैन भविष्य में शेयरहोल्डर के सवालों के जवाब देने के लिए उनके साथ मंच साझा करेंगे। पिछले साल दोनों को प्रमोट कर बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में शामिल किया गया था। अगर अजित जैन बर्कशायर हैथवे के सीईओ बनते हैं, तो वे ऐसे चौथे भारतीय होंगे जो किसी नामी अमेरिकी कंपनी के प्रमुख बनेंगे। अभी सत्या नडेला माइक्रोसॉफ्ट, सुंदर पिचाई गूगल और शांतनु नारायण एडोब के सीईओ हैं।
अजित के सीईओ बनने की ज्यादा संभावना, क्योंकि बफे खुद उनकी तारीफ कर चुके
ओडिशा में जन्मे अजित जैन (67) की बर्कशायर हैथवे का चेयरमैन बनने की ज्यादा संभावना है। बफे (88) खुद कई मौकों पर उनकी तारीफ कर चुके हैं। अजित 1986 में बर्कशायर हैथवे से जुड़े थे। 2008 में बफे ने अपनी चिट्ठी में खुलासा किया था कि उन्होंने अजित के माता-पिता को पत्र भेजकर पूछा था कि उनके घर में अजित जैसा कोई और होनहार भी हो तो उसे भेजें। इसके अलावा बफे ने एक बार कहा था कि मेरे मुकाबले अजित ने बर्कशायर हैथवे को ज्यादा फायदा पहुंचाया है। मैं वाकई अजित के प्रति एक भाई या बेटे जैसा अपनापन महसूस करता हूं। वहीं, 2017 में बफे ने कंपनी को लिखे एनुअल लेटर में कहा था कि अगर आपको कभी अजित के लिए मुझे हटाना भी पड़े तो जरा भी हिचकना नहीं।
3 बड़ी कंपनियों में भारतीय ही सीईओ, इनके आने के बाद कंपनी बढ़ी
सीईओ | कार्यकाल | मार्केट कैप | रेवेन्यू | प्रॉफिट |
सत्या नडेला, माइक्रोसॉफ्ट | 5 साल | 214% | 26% | -25% |
स्टीव बॉल्मर,माइक्रोसॉफ्ट | 14 साल | -48% | 28% | 134% |
सुंदर पिचाई, गूगल | 4 साल | 82% | 83% | 88% |
लैरी पेज, गूगल | 4 साल | 150% | 97% | 68% |
शांतनु नारायण, एडोब | 12 साल | 436% | 186% | 260% |
ब्रूस चीजेन, एडोब | 7 साल | 67% | 186% | 278% |
माइक्रोसॉफ्ट: सत्या नडेला सीईओ बने तो 5 साल में कंपनी का मार्केट कैप 220% बढ़ा
फरवरी 2014 में स्टीव के इस्तीफे के बाद सत्या नडेला माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ बने। उस वक्त कंपनी का मार्केट कैप 306 अरब डॉलर था। वर्तमान में मार्केट कैप 961 अरब डॉलर है। पिछले महीने ही माइक्रोसॉफ्ट 1 लाख करोड़ डॉलर मार्केट वैल्यू का आंकड़ा छूने वाली दुनिया की चौथी कंपनी बनी थी। नडेला के पांच साल के कार्यकाल में मार्केट कैप 214% बढ़ा। इसी दौरान रेवेन्यू भी 26% बढ़कर 110.3 अरब डॉलर पहुंच गया। हालांकि, नडेला के कार्यकाल में कंपनी के मुनाफे में कमी देखी गई।
साल | रेवेन्यू | प्रॉफिट | मार्केट कैप |
2000 | 22.9 | 9.4 | 590 |
2014 | 86 | 22 | 306 |
2018 | 110.3 | 16.5 | 961 (8 मई 2019) |
(आंकड़े अरब डॉलर में/ सोर्स- कंपनी फाइलिंग)
अप्रैल 1975 में बनी माइक्रोसॉफ्ट में 2000 से लेकर 2014 तक स्टीव बॉल्मर सीईओ रहे। जब उन्होंने कंपनी की बागडोर संभाली तब मार्केट कैप 590 अरब डॉलर था। जब वे इस पद से हटे तो मार्केट कैप 306 अरब डॉलर रह गया। यानी स्टीव के 14 साल के कार्यकाल में माइक्रोसॉफ्ट का मार्केट कैप 48% तक गिर गया। हालांकि, इस दौरान कंपनी के रेवेन्यू और मुनाफे में बढ़ोतरी हुई।
पिचाई के सीईओ बनने के बाद गूगल का रेवेन्यू 83% और मुनाफा 88% बढ़ा
1998 में शुरू हुई गूगल के पहले सीईओ लैरी पेज थे। उन्होंने 2001 में इस्तीफा दे दिया। 2001 से 2011 तक एरिक श्मिट सीईओ रहे। 2011 में लैरी पेज दोबारा सीईओ बने। उस वक्त कंपनी का मार्केट कैप 180 अरब डॉलर के आसपास था। रेवेन्यू 37.9 अरब डॉलर और मुनाफा 9.7 अरब डॉलर था। उन्होंने 2015 में इस्तीफा दिया और सुंदर पिचाई सीईओ बने। तब गूगल का मार्केट कैप 450 अरब डॉलर, रेवेन्यू 75 अरब डॉलर और मुनाफा 16.3 अरब डॉलर था। यानी, लैरी पेज के साढ़े चार साल के कार्यकाल में मार्केट कैप 150%, रेवेन्यू 97% और मुनाफा 68% बढ़ा।
कंपनी का मौजूदा मार्केट कैप 816 अरब डॉलर है। यानी सुंदर पिचाई के 4 साल के कार्यकाल में मार्केट कैप में 82% की बढ़ोतरी हुई है। जबकि, कंपनी का 2018 में रेवेन्यू 136.8 अरब डॉलर और मुनाफा 30.7 अरब डॉलर रहा। इस हिसाब से 2015 की तुलना में रेवेन्यू 83% और मुनाफा 88% बढ़ा।
साल | रेवेन्यू | प्रॉफिट | मार्केट कैप |
2011 | 37.9 | 9.7 | 180 |
2015 | 75 | 16.3 | 450 |
2018 | 136.8 | 30.7 | 816 (8 मई 2019) |
(आंकड़े अरब डॉलर में/ सोर्स- कंपनी फाइलिंग)
शांतनु के सीईओ बनने के बाद एडोब का मार्केट कैप 452% बढ़ा
अमेरिकी कंपनी एडोब के 2000 से लेकर 2007 तक ब्रूस चीजेन सीईओ रहे। इस दौरान एडोब का मार्केट कैप 15 अरब डॉलर से बढ़कर 25 अरब डॉलर हुआ। यानी, 7 साल में मार्केट कैप में 67% की बढ़ोतरी हुई। नवंबर 2007 में शांतनु नारायण एडोब के सीईओ बने। 12 साल के कार्यकाल में कंपनी का मार्केट कैप 436% बढ़कर 134 अरब डॉलर पहुंच गया। अगर हर साल मार्केट कैप में सालाना औसत उछाल देखें तो ब्रूस के कार्यकाल में मार्केट कैप हर साल 10%, जबकि नारायण के कार्यकाल में हर साल 37% बढ़ा।
साल | रेवेन्यू | प्रॉफिट | मार्केट कैप |
2002 | 1.1 | 0.191 | 15 |
2007 | 3.1 | 0.723 | 25 |
2018 | 9 | 2.6 | 134 (8 मई 2019) |
Comment Now