नई दिल्ली. बीएसएफ के बर्खास्त सिपाही तेजबहादुर यादव ने वाराणसी संसदीय सीट से नामांकन खारिज होने के बाद सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी से दूसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं। तेजबहादुर ने उन्हें चुनौती देने के लिए 29 अप्रैल को बतौर सपा उम्मीदवार पर्चा भरा था, लेकिन जांच के बाद चुनाव आयोग ने इसे रद्द कर दिया। अब वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण सुप्रीम कोर्ट में यादव की पैरवी करेंगे।
सपा के चिह्न पर पर्चा भरने से पहले तेजबहादुर निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर पहले भी नामांकन दाखिल कर चुके थे। जिला निर्वाचन अधिकारी ने तेजबहादुर को नोटिस भेजा था। इसमें कहा था कि उनके शपथ पत्र में नौकरी से बर्खास्त होने की अलग-अलग वजह बताई गई हैं। जवाब दाखिल करने के लिए उन्हें 1 मई तक का वक्त दिया गया था। चुनाव आयोग के मुताबिक, अगर कोई कर्मचारी सरकारी नौकरी से बर्खास्त हो तो इसकी जानकारी देना जरूरी होता है। फिर आदेश के बाद वह नामांकन करता है। लेकिन तेजबहादुर ने इसका पालन नहीं किया।
अब शालिनी के लिए प्रचार कर रहे यादव
दोनों नामांकन खारिज होने के बाद अब तेजबहादुर सपा प्रत्याशी शालिनी यादव के समर्थन में प्रचार कर रहे हैं। पिछले दिनों उनके खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई गई। इस पर यादव ने कहा कि मेरे खिलाफ लगातार साजिश हो रही है। भाजपा जानती है कि असली चौकीदार कहीं नकली को टक्कर न दे दे। मेरा मिशन शालिनी यादव को जिताना है, वो मेरी बहन हैं और भाई का फर्ज अदा करूंगा।
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