भोपाल/प्रयागराज. कांग्रेस के पूर्व विधायक हेमंत कटारे पर यौन शोषण का आरोप लगाकर वापस लेने वाली पत्रकारिता की छात्रा प्रिंशु सिंह ने जहर खाकर जान दे दी। छात्रा ने ये कदम उत्तर प्रदेश में प्रयागराज जिले के झूंसी क्षेत्र में उठाया। यहां देव नगर में रहने वाले इंस्पेक्टर कालिका प्रताप सिंह (बॉबी) के साथ 12 दिन बाद उसकी शादी तय थी। प्रिंशु ने पांच पेज का एक सुसाइड नोट छोड़ा है। लिखा है कि शादी की पूरी तैयारियां हो चुकी हैं। उन्हें दहेज के 25 लाख भी दे चुके हैं। अब बॉबी के भैया, चाचा मेरी शादी के खिलाफ हो गए हैं, जिनके कारण मैं जान दे रही हूं...
उप्र के हलधरपुर की रहने वाली प्रिंशु (21) ने 2018 में भोपाल स्थित माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विवि से एमए इन ब्रॉड कास्ट जर्नलिज्म किया था। 15 मई को उसकी शादी फतेहपुर, उप्र में पदस्थ इंस्पेक्टर कालिका प्रताप सिंह से तय थी। सात साल बड़े कालिका से प्रिंशू का परिचय अगस्त 2016 में फेसबुक के जरिए हुआ था। एक-दूसरे के मोबाइल नंबर आपस में शेयर हुए और दोस्ती प्यार में तब्दील हो गई थी।
दहेज के तौर पर बीस लाख रुपए नकद और एक चार पहिया वाहन देना तय था। इसमें से 25 लाख रुपए प्रिंशू के पिता ने कालिका के परिवार को दे भी दिए थे। दोनों के बीच संबंध भी बने, इसके बाद भी कालिका के परिवार वाले शादी से मुकर गए। इसी गम में प्रिंशू ने गुरुवार तड़के चार बजे जहर खाकर जान दे दी। एसएसपी प्रयागराज अतुल शर्मा के मुताबिक प्रिंशू के पिता की शिकायत पर दहेज अधिनियम के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
आरोप लगाकर आई थी चर्चा में फरवरी 2018 में प्रिंशू ने कांग्रेस नेता हेमंत कटारे पर यौन शोषण का आरोप लगाकर सनसनी फैला दी थी। क्राइम ब्रांच ने उसके खिलाफ ही ब्लैकमेलिंग का केस दर्ज कर उसे जेल भेज दिया। बाद में प्रिंशू ने अपना आरोप वापस ले लिया था। साल के आखिर में एक प्रेस कांफ्रेंस कर प्रिंशू ने कुछ राजनेताओं के बहकावे में आकर आरोप लगाने की सफाई दी। इसके बाद से ही उसका सुर्खियों में रहना कम हो गया था।
कालिका और उसके परिवार वालों ने जीवन बर्बाद कर दिया, मुझे न्याय चाहिए
नमस्ते, मेरा नाम प्रिंशु सिंह है। दो मई को ये लैटर मैं पूरे होशो-हवास में गाड़ी में बैठकर लिख रही हूं। मैं प्रयागराज कालिका प्रताप सिंह के घर जा रही हूं। जब आप ये लैटर पढ़ रहे होंगे, तब शायद मैं इस दुनिया में नहीं होऊंगी। कालिका को मैं बॉबी बुलाती हूं। अगस्त 2016 में बॉबी से मेरी पहचान फेसबुक पर हुई थी। हम दोनों एक-दूसरे को प्यार करते थे। 8-9 महीने बाद बॉबी मुझसे मिलने भोपाल आए। बॉबी ने मुझसे पूछा कि तुम्हारे घरवाले क्या गिफ्ट (दहेज) देंगे।
मैंने कहा 20 लाख रुपए और एक फोर व्हीलर। मेरे पापा उनके घर रिश्ता लेकर गए, जिसे उन्होंने मंजूर कर लिया। उनके भैया झूंसी में मकान खरीद रहे थे। उनके कहने पर बॉबी ने मुझसे 35 लाख कैश और स्विफ्ट मांगी। मेरे परिवार ने इसका विरोध किया, लेकिन मेरी जिद के आगे वे मान गए। पापा ने मथुरा जाकर उन्हें 25 लाख रुपए दे भी दिए। यहीं हमारे पहली बार संबंध बने। 15 मई को हमारी शादी है। शादी की पूरी तैयारियां हो चुकी हैं। कार्ड तक बंट गए हैं।
28 अप्रैल को बॉबी कहने लगे कि मेरे पापा और अरविंद भैया इस शादी के लिए तैयार नहीं हैं। मेरा जीवन इन सबने बर्बाद कर दिया है। भगवान से गुजारिश है इन्हें इनके किए की सजा जीवनभर मिले। अरविंद प्रताप सिंह, बॉबी के चाचा जेपी सिंह, और उनके भैया विश्वनाथ प्रताप सिंह की वजह से मैं जान दे रही हूं। बॉबी ने भी ठीक नहीं किया और मुझे आत्महत्या करने जैसी स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया। मुझे सिर्फ न्याय चाहिए। गुड बाय। -प्रिंशु सिंह।
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