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अमेरिका / ट्रम्प ने 827 दिन में 10 हजार झूठ बोले: पहले पांच हजार 601 दिन में, फिर 3 गुना बढ़ी रफ्तार

Wed, May 1, 2019 4:15 PM

 

  • डोनाल्ड ट्रम्प ने 20 जनवरी 2017 को राष्ट्रपति पद की शपथ ली था
  • ट्रम्प के पहले पांच हजार झूठ का औसत आठ प्रतिदिन था, इसके बाद यह 23 झूठ प्रतिदिन हो गया

वाॅशिंगटन. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अब तक अपने कार्यकाल के 827 दिनों में 10 हजार झूठे और भ्रामक दावे कर चुके हैं। अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट की फैक्ट चेकिंग वेबसाइट के मुताबिक, पहले 5 हजार झूठ बोलने में ट्रम्प को 601 दिन लगे। इसका औसत आठ झूठ प्रतिदिन रहा था। हालांकि, अगले 5 हजार झूठ ट्रम्प ने सिर्फ 226 दिनों में बोले। यानी वह हर दिन 23 झूठे दावे जनता के सामने पेश करते रहे।

दो साल का कार्यकाल पूरा करने तक ट्रम्प के झूठ की संख्या 8 हजार पार कर गई थी। सबसे ताजा आंकड़े 26 अप्रैल के हैं। इस दिन तक वे 10 हजार झूठे दावे कर चुके हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि ट्रम्प के झूठे दावों के पीछे हाल ही में हुए मध्यावधि चुनाव बड़ी वजह रहे। इस दौरान उन्होंने मैक्सिको बॉर्डर की दीवार और रैलियों में कई भ्रामक दावे किए। इसके अलावा उन्होंने इमिग्रेशन के मुद्दे पर हर पांच में से एक दावा झूठा किया।

रैलियों और ट्विटर पर झूठे दावे जनता के सामने रखते हैं ट्रम्प
ट्रम्प अकेले रैलियों में ही कुल 22% झूठे दावों कर चुके हैं। इसके अलावा उनके ट्विटर हैंडल पर भी झूठे दावों की भरमार रहती है। 25 से 27 अप्रैल के बीच में ही उन्होंने करीब 171 गलत बातें कहीं। इनमें जापान, चीन और यूरोपियन यूनियन (ईयू) के साथ व्यापार घाटे पर उन्होंने झूठ बोला था। इसके अलावा उन्होंने टैक्स सिस्टम और ओबामाकेयर पर भी झूठ फैलाया। 
 
साथी देशों के साथ भी किए भ्रामक दावे
ट्रम्प ने हाल ही में साथी देशों के साथ संबंधों पर भी झूठों की झड़ी लगा दी। उन्होंने दावा किया था कि अमेरिका ने नाटो का 100% खर्च दिया, जबकि यह गलत बयान था। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा था कि सऊदी अरब और अमेरिका के बीच 450 अरब डॉलर के सौदे हुए, जिसे रक्षा विशेषज्ञों ने झूठा पाया। 

ट्रम्प के झूठ पकड़ने के लिए शुरू हुई फैक्ट चेकिंग
वाॅशिंगटन पोस्ट ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि उसका फैक्ट चैकर डेटा बेस ट्रम्प के हर बयान पर नजर रखता है। अखबार ने राष्ट्रपति के 100 दिनों की कवरेज के दौरान ऑनलाइन प्रोजेक्ट के तहत फैक्ट चैकर शुरू किया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि इसकी जरूरत इसलिए पड़ी, क्योंकि ट्रम्प तेजी से झूठे दावे कर रहे थे। पहले 100 दिन में ही ट्रम्प के दावों में करीब पांच झूठ प्रतिदिन का औसत देखा गया। हालांकि, आगे के समय में ट्रम्प के झूठ बढ़ते ही चले गए। 

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