अमित सोनी | बैकुंठपुर . राज्य के सबसे कम वोटरों वाले सेराडांड मतदान केंद्र में सुबह 7 बजे मतदान शुरू हुआ और महज चंद मिनटों में 150 फीसदी मतदान हो गया। ऐसा इसलिए क्योंकि एक परिवार के तीन सदस्य और फायर वॉचर मिलाकर चार ही मतदाता हैं। दो मतदान कर्मियों ने भी वोट डाले। 60 साल के देवलाल करीब 9 बार से विधानसभा और लोकसभा चुनाव में इस उम्मीद से वोट डाल रहे हैं, जिससे एक दिन उनके गांव में सड़क, बिजली और पानी की सुविधा मिले। यह सुविधा आज तक नहीं मिली है, लेकिन लोकतंत्र पर भरोसा आज भी कायम है। इसी भरोसे से मतदान किया। चंद मिनटों में वोटिंग हो गई, लेकिन ईवीएम शाम 5 बजे ही बंद की गई।
दो दिन पहले पहुंच गया था मतदान दल : कोरिया जिले के भरतपुर-सोनहत विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सेराडांड गांव का यह मतदान केंद्र इसलिए चर्चित है, क्योंकि यहां चार मतदाता हैं। इनमें 60 साल के देवलाल चेरवा के अलावा उनका बेटा रामप्रसाद (30 वर्ष) और बहू सिंगारो शामिल हैं। इसके अलावा एक फायर वॉचर महिपाल राम रौतिया भी यहां के वोटर हैं। काफी दुर्गम होने के कारण मतदान दल दो दिन पहले ही पहुंच गया था।
कोई तो सरकार सुनेगी हमारी आवाज : मतदान के बाद देवलाल ने कहा कि उनके बच्चों को कोई तकलीफ न हो, इसलिए वे वोट डालते आ रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि कभी तो कोई सरकार उनकी सुनेगी। देवलाल ने बताया कि 2018 में 3.86 लाख रु. सड़क के लिए पंचायत से स्वीकृत होने की जानकारी मिली थी, लेकिन आज तक एक पत्थर भी नहीं रखा गया है।
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