बीजिंग. चीन ने पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के मामले में अपना रुख कायम रखा है। उसने बुधवार को कहा है कि वो इस मामले को सही तरह से समझौते की ओर ले जा रहा है। फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका उस पर किसी प्रकार का दबाव ना बनाएं। चीन ने कहा कि तीनों देश मसूद मामले में अपना पक्ष रख सकते हैं, लेकिन किसी प्रकार का दबाव नहीं बना सकते। चीन के सामने कोई आखिरी तारीख नहीं है। हम इस मामले को सही तरीके से देख रहे हैं। चीन ने कहा कि 1267 कमेटी के नियमों अंतर्गत इस मामले को सुलझाने का प्रयास किया जा रहा है।
अजहर मसूद मामले में पूछे गए सवाल के जवाब में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने कहा कि बीजिंग पहले ही अमेरिका, यूके और फ्रांस की अपील को रिजेक्ट कर चुका है। उन्होंने कहा, ''मसूद मामले में चीन का रुख पहले जैसा ही है। हम संबंधित पार्टियों से बात कर मामले को सही दिशा में खत्म करने के लिए आगे बढ़ रहे हैं। यह सब 1267 कमेटी के नियमों के तहत ही होगा।''
जब लू से पूछा गया कि क्या बीजिंग ने 1267 कमेटी के सामने मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए 23 अप्रैल तक की समय सीमा तय की है? इस सवाल के जवाब में लू ने कहा कि मुझे नहीं पता कि आपको ऐसी जानकारियां कहां से मिलती हैं। ऐसे मामलों के लिए सुरक्षा परिषद और 1267 कमेटी जैसी सहायक संस्थाएं हैं। जिनके पास स्पष्ट नियम हैं और आपको उनसे ही स्पष्टीकरण करना चाहिए।
इससे पहले मामले में चीन ने कहा था कि यह स्पष्ट किया कि उसकी ओर से मसूद अजहर को ब्लैक लिस्ट करने के लिए कड़े प्रयास किए जा रहे हैं। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शॉन्ग ने कहा था कि अमेरिका का कदम यूएन के नियमों के मुताबिक नहीं है। यह एक गलत मिसाल सामने रख रहा है। इससे दक्षिण एशिया में शांति स्थापित करने में दिक्कत आएगी। चीन ऐसे मामले में लगातार जिम्मेदार रवैया अपनाएगा। हर पक्ष को ध्यान में रखते हुए सभी पहलुओं पर चर्चा करेगा।
फरवरी में जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। इसकी जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी। इस संगठन का सरगना मसूद अजहर भारत में वॉन्टेड है। अजहर को बैन करने का मामला भारत और चीन के बीच सालों से बना हुआ है। अब इस मामले में वाशिंगटन और बीजिंग के बीच भी तनातनी हो गई है। दोनों के बीच पहले से ही व्यापार को लेकर विवाद की स्थिति बनी हुई है।
अमेरिका ने 13 मार्च को यूएन 1267 सेंशन कमेटी के सामने मसूद को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादियों की सूची में शामिल किए जाने का प्रस्ताव रखा था। मगर चीन ने अपना वोट तकनीकी त्रुटि बताकर रोक लिया था। चीन का कहना है कि अमेरिका ने अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने के लिए 1267 कमेटी के नियमों से परे जाकर नया ड्राफ्ट तैयार किया है।
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